लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तय हार को देखकर लखमा दिमागी संतुलन खो बैठे हैं – मरकाम
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00 लखमा के पास जनता के सवालों का जवाब नहीं
रायपुर। बस्तर संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा के उस बयान को बस्तर लोकसभा क्षेत्र समेत पूरे छत्तीसगढ़ की जनभावनाओं का घोर अपमान बताया है जिसमें लखमा ने कहा है, मैं तो अपने बेटे के लिए दुल्हन मांगने गया था, पर पार्टी ने मुझे ही दूल्हा बना दिया। इससे छत्तीसगढ़ को एक बार फिर कांग्रेस के लोगों की उथली सोच और वैचारिक दरिद्रता का परिचय मिल गया है। भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने शुक्रवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा सत्ता और जनप्रतिनिधित्व को सेवा का माध्यम मानकर इसे अपना सौभाग्य समझती है लेकिन, कांग्रेसियों में सेवा का भाव कहीं नहीं दिखता है। बस्तर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की तय हार को देखकर कवासी लखमा अपनी दिमागी संतुलन खो बैठे हैं।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण के पूर्व कांग्रेस के सभी बड़े नेता चुनाव लडऩे से मना कर रहे थे। सभी नेताओं ने बयान जारी करके अपनी आलाकमान से मांग की थी कि उन्हें टिकट न दिया जाए। अब टिकट वितरण के बाद ही कांग्रेस के नेताओं द्वारा अपने प्रत्याशियों का विरोध किया जा रहा है। कहीं पर यह कहा जा रहा है कि 5 साल हमारी उपेक्षा की गई, विधानसभा चुनाव में भी बाहरी लोगों को कांग्रेस पार्टी ने टिकट दी और आगामी नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव में भी रायपुर से लोगों को चुनाव लड़ाएंगे। कुछ जगह तो यहाँ तक भी कहा गया है कि जो झीरम घाटी संहार मामले में संदेह के दायरे में है, उसे टिकट देकर कांग्रेस पार्टी ने शहीद कांग्रेस नेताओं और उनके परिजनों की भावनाओं का अपमान किया है।
मरकाम ने कहा कि जब 2013 में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणदास महंत ने कवासी लखमा को हाथ दिखाते हुए कहा था कि किसी को बताना नहीं, तो क्या चरणदास महंत उसके लिए माफी मांगेंगे? क्या चरणदास महंत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज को नीचा दिखाने के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं?