लोकसभा चुनाव सबसे अधिक और कम मतों से जीतने वाले सांसद

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किसी भी चुनाव में जीत और हार के लिए एक वोट का अंतर ही काफी है लेकिन 25लाख वोट के संसदीय क्षेत्र में कई प्रत्याशी ऐसी बढ़त लेते है कि लगता है जनमत एकतरफा चला गया है। दूसरी तरफ सांस रोक देने वाले नतीजे भी आते है जब एक एक ईवीएम से प्रत्याशी आगे पीछे होते है।विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक मतों से जीत हासिल करने का रिकॉर्ड के सी पाटिल के नाम दर्ज हैं तो सबसे कम वोट से विजय प्राप्त कर लोकसभा पहुंचने का सौभाग्य भारतीय जनता पार्टी के सोम मरांडी और कांग्रेस के कोंथाला रामकृष्ण को मिला है।देश में हुए सोलह आम चुनावों में से 1952से 2014 तक हुए 16लोकसभा चुनाव के प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2019में के सी पाटिल ने लोक सभा सीट नवसारी से 6.89मतों से जीत दर्ज की थी।भाजपा के सोम मरांडी के नाम 1998 के चुनाव में बिहार के राजमहल संसदीय क्षेत्र से सबसे कम मात्र नौ मतों से जीत हासिल करने का रिकॉर्ड दर्ज है। इसके अलावा 1989 के आम चुनाव में आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली संसदीय सीट से कांग्रेस के कोंथाला रामाकृष्ण ने भी नौ मतों के अंतर से विजय पाई थी।
**1952 लोक सभा में बस्तर के निर्दलीय प्रत्याशी मुचकी कोसा सर्वाधिक 1,41, 331मतों से विजयी हुए थे। कोंताई (प बंगाल) सीट से कांग्रेस के रूपकुमार सिर्फ 127मतों से विजय हासिल किए थे।
**1957 का रिकार्ड लाख कोशिश के बाद नहीं मिला
** 1962 के आम चुनाव में सबसे अधिक मतों से जीतने के मामले में स्वतंत्र पार्टी की गायत्री देवी ने राजस्थान के जयपुर से एक लाख 57 हजार 692 मतों से विजय पाई तो इन्हीं चुनावों में सोशलिस्ट उम्मीदवार रिशांग सबसे कम 42 मतों से जीतने वाले उम्मीदवार थे। वह मणिपुर की आउटर मणिपुर सीट से सांसद चुने गए थे।
निर्दलीय उम्मीदवार के सिंह ने **1967 के आम चुनाव में सर्वाधिक एक लाख 93 हजार 816 मतों से जीत पाई थी। वह राजस्थान के बीकानेर से सांसद बने थे। इस चुनाव में कांग्रेस के एम राम ने हरियाणा के करनाल से 203 मतों के अंतर से जीत हासिल की थी।
**1971में कांग्रेस के एमएस संजीवी राव ने आंध्र प्रदेश के काकीनाडा से सर्वाधिक 2,92,926 मतों से विजय पाई तो इसी चुनाव में सबसे कम 26 मतों से जीत द्रमुक के एमएस शिवासामी को तमिलनाडु के त्रिरुचेन्दूर में मिली।
** 1977 में रामविलास पास भारतीय लोक दल के टिकट पर बिहार के हाजीपुर से सबसे अधिक मतों से जीतने वाले उम्मीदवार थे। उन्होंने चार लाख 24 हजार 545 वोटों से विजई परचम लहराया था। इस चुनाव में पीजेंट एंड वर्कर्स पार्टी के देसाई दजीबा बलवंतराव ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर से 165 वोटों से जीत पाई थी।
**1980लोकसभा चुनाव में महाराजा मार्तंड सिंह में मध्य प्रदेश के रीवा से सबसे अधिक वोटों से जीते। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़े सिंह को दो लाख 38 हजार 351 मतों से जीत मिली। इस चुनाव में कांग्रेस(आई) के रामायण राय उत्तर प्रदेश के देवरिया से केवल 77 वोटों से जीते थे। **1984 लोकसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने कांग्रेस के टिकट पर उत्तर प्रदेश के अमेठी से सर्वाधिक 3,14,878 मतों से विजय पाई तो शिरोमणि अकाली दल के मेवा सिंह पंजाब के लुधियाना से महज 140 वोटों के अतर से जीते।
**1989 लोकसभा चुनाव में जनता दल के टिकट पर बिहार के हाजीपुर से लड़े रामविलास पासवान को सर्वाधिक 5,04,448 वोटों से जीत मिली तो इस चुनाव में सबसे कम नौ मतों के अंतर से जीत कांग्रेस कोंथाला रामकृष्ण को आंध्र प्रदेश के अनाकापल्ली से मिली।
** 1991 के चुनाव में कांग्रेस के संतोष मोहन देव के नाम त्रिपुरा में त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा सीट से सर्वाधिक 428984 मतों से जीतने का रिकॉर्ड रहा तो जनता दल के टिकट पर उत्तर प्रदेश के अकबरपुर से रामअवध सबसे कम 156 मतों से जीते।
**1996में द्रमुक के सोमू एनवीएन ने तमिलनाडु के मद्रास पूर्व से सर्वाधिक 3,89,617 मतों से तो इसी चुनाव में कांग्रेस के गायकवाड़ सत्यजीत सिंह दिलीप सिंह गुजरात के वड़ोदरा में सबसे कम 17 वोटों के अंतर से विजय हासिल कर लोकसभा पहुंचे।
**1998के लोकसभा चुनाव में भाजपा के डॉ. कथीरिया वल्लभभाई रामजीभाई ने गुजरात के राजकोट से 3,54,187 मतों से जीत पाई तो भाजपा के सोम मरांडी बिहार के राजमहल से मात्र नौ वोटों से जीते थे।
**1999लोकसभा चुनाव में नागालैंड से कांग्रेस के के.के.असुंगमबा सगंथम सर्वाधिक 3,53,598 मतों से विजय हासिल की थी। सबसे कम 107मतों से घाटमपुर संसदीय क्षेत्र से बसपा के प्यारेलाल शंखनार चुनाव जीते थे
**वर्ष 2004 में अनिल बसु ने माकपा उम्मीदवार के रूप में पश्चिम बंगाल के आरामबाग से 5,92,502 मतों से जीत का रिकॉर्ड बनाया था। इस चुनाव में जनता दल (यूनाइटिड) के डॉ. पी पुकुनहीकोया लक्षद्वीप से 71 वोटों से जीते।
** 2009 में नागालैंड पीपुल्स फ्रंट के सीएम चांग ने नागालैंड की नागालैंड सीट से 483021 मतों से जीत हासिल की तो सबसे कम मतों से जीत कांग्रेस के नमो नारायण को राजस्थान के टोंक सवाई माधोपुर से मिली। वे 317 मतों से जीते।
**2014 आम चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में मोदी ने उत्तर प्रदेश की वाराणसी और गुजरात की वड़ोदरा सीट से चुनाव लड़ा था। मोदी दोनों सीटों पर जीते थे और बाद में वड़ोदरा सीट छोड़ दी थी। इस चुनाव में मोदी के नाम वड़ोदरा सीट से सर्वाधिक 570128 मतों से जीत का रिकॉर्ड है। इसी चुनाव में भाजपा के थुपस्तान छेवांग को जम्मू-कश्मीर की लद्दाख सीट से 36 वोटों से जीत मिली थी।
**2019लोकसभा चुनाव में जीत का अंतर बढ़ कर 6,89लाख मत का हो गया। गुजरात के लोकसभा सीट से के सी पाटिल ने अपने निकट तम प्रत्याशी कांग्रेस के धर्मेश भाई भीमभाई पटेल को हराया था। पाटिल को9.72लाख औरधर्मेश भाई पटेल को 2.83लाख मत मिले थे। सबसे कम मतों से जीतने का रिकार्ड भोलानाथ(बी. पी सरोज) के नाम रहा। मछलीशहर सीट से भोलानाथ केवल 181मतों से जीत हासिल की थी।भोलानाथ को 4,88,397और बीएसपी के त्रिभुवनदास को 3,88,216मत मिले थे।
2024लोकसभा चुनाव में कौन प्रत्याशी सबसे अधिक और सबसे कम मतों से विजय हासिल करेंगे इस बात के लिए 4 जून 2024तक प्रतीक्षा ही विकल्प है।आश्चर्य की बात ये भी है कि 16बार हुए लोकसभा में प्रधान मंत्री पद के प्रत्याशियों में केवल कांग्रेस के राजीव गांधी और भाजपा के नरेंद्र मोदी ही 1984और 2013मे देश भर में सबसे अधिक मत से चुनाव जीते है।*(संजय दुबे)*