व्यक्तित्व विकास का प्रभावी मंच है एनएसएस : कुलसचिव डॉ. नीता गहरवार

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खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा समीपस्थ ग्राम खजरी में 7 दिवसीय विशेष शिविर की शानदार शुरुआत हो गई है। ‘नशामुक्त समाज के लिए युवा’ विषय पर केंद्रित इस शिविर का उदघाटन कुलसचिव प्रो डॉ नीता गहरवार के मुख्य आतिथ्य में हुआ।

विश्वविद्यालय के एनएसएस प्रभारी डाॅ. दिवाकर कश्यप ने बताया कि कुलपति पद्मश्री डाॅ. ममता (मोक्षदा) चन्द्राकर के संरक्षण तथा मार्गदर्शन में आयोजित होने जा रहे इस शिविर का उद्घाटन ग्राम पंचायत खजरी के सरपंच जेठू मारकंडे की अध्यक्षता में हुई।

मुख्य अतिथि डॉ. नीता गहरवार ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय द्वारा लगाए गए इस कैंप में सभी ग्रामीण बच्चे और ग्रामीणजन अधिकाधिक शामिल हों। राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों में गांव के बच्चे भागीदारी करेंगे, तो वह महाविद्यालयीन बच्चों के संपर्क में आयेंगे और कुछ नया सीखेंगे। डॉ. गहरवार ने बच्चों से कहा कि गांव के बच्चे कला-संगीत के विद्यार्थियों के साथ घुलेंगे-मिलेंगे, तो वह इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमों के विषय में भी जानेंगे और वहां प्रवेश लेकर पढ़ाई करेंगे, और आगे अपना भविष्य बनाएंगे। डॉ. गहरवार ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियां व्यक्तित्व विकास के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होती हैं, इसकी उपयोगिता हर विद्यार्थी और हर कैडेट को समझना चाहिए और इसका लाभ लेना चाहिए।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सरपंच श्री मारकंडे ने अपने संबोधन में इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के प्रति इस विशेष शिविर के लिए आभार व्यक्त करते हुए ग्रामीणों और गांव के बच्चों से आग्रह किया कि इस शिविर में अधिक से अधिक भागीदारी निभाएं और सहयोग भी करें। श्री मारकंडे ने इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय में कार्यरत कला-संगीत के 2 मर्मज्ञ डॉ. नत्थू तोड़े और डॉ. लिकेश्वर वर्मा का उल्लेख करते हुए अपने संबोधन में ग्रामीणों से अपील की, कि इनसे प्रेरणा लेकर हमें अपने बच्चों को आगे बढ़ने और अपनी प्रतिभा को प्रतिस्थापित करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि डॉ. तोड़े और डॉ. वर्मा इसी गांव से संबंध रखते हैं।

कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर के संरक्षण और मार्गदर्शन में होने जा रहे इस 7 दिवसीय आयोजन में विश्वविद्यालय के समस्त अधिष्ठाता, प्राध्यापक, सहा. प्राध्यापक, शिक्षक विशेषज्ञ वक्ता के रूप में शामिल हो रहे हैं, वहीं प्रतिदिन शाम 6 से 8 बजे एनएसएस कैडेट्स के द्वारा जन जागरूकता संबंधी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जा रही है। इसके अतिरिक्त 12 फरवरी की रात्रि 8 बजे इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के नाट्यविभाग द्वारा उषा प्रियम्वदा की ‘वापसी’ कहानी पर आधारित नाट्य प्रस्तुति दी जाएगी, वहीं 13 फरवरी की शाम 5 बजे लोकसंगीत विभाग द्वारा विशेष सांस्कृतिक प्रस्तुति दी जाएगी। दोनों प्रस्तुतियां विभाग प्रमुख डॉ. योगेंद्र चौबे के निर्देशन में होंगी। विशेषज्ञ वक्ता के रूप में प्रो. डॉ. नमन दत्त (अधिष्ठाता, संगीत संकाय), डॉ. विवेक बिसेन (बीएमओ, खैरागढ़) डॉ. खुशबू बिसेन (चिकित्सक), डॉ. हरि ॐ हरि (सहायक प्राध्यापक), डॉ. प्रो. राजन यादव (अधिष्ठाता, दृश्य-कला संकाय), डॉ. रबि नारायण गुप्ता (सहायक प्राध्यापक), डॉ. अजय पांडेय (योग प्रशिक्षक), डॉ. योगेंद्र चौबे (विभागाध्यक्ष, नाट्य एवं लोकसंगीत विभाग), डॉ. मानस साहू (सह-प्राध्यापक), डॉ. जगदेव नेताम (सहायक प्राध्यापक), डॉ. लिकेश्वर वर्मा (सहायक प्राध्यापक), श्री विवेक नवरे (सहायक प्राध्यापक), डॉ. देवमाईत मिंज (सह-प्राध्यापक), डॉ. छगेंद्र उसेंडी (सहायक प्राध्यापक) और विनोद डोंगरे (जन संपर्क अधिकारी) विशेषज्ञ वक्ता के रूप में इस शिविर में शामिल हो रहे हैं। प्रतिदिन अलग-अलग विषयों पर बौद्धिक परिचर्चा हो रही हैं।

शिविर के संयोजक डॉ. दिवाकर कश्यप ने बताया कि प्रतिदिन एनएसएस कैडेट्स के द्वारा गांव की साफ-सफाई, वृक्षारोपण, सामाजिक विषयों पर जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न किए जा रहे हैं। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी लगातार प्रस्तुति हो रही है। विभिन्न गतिविधियों में ग्रामीणों की खूब भागीदारी इस शिविर को सार्थक बना रही है। ग्राम खजरी में इस शिविर के कारण इन दिनों पर्व जैसा वातावरण है, और एनएसएस कैडेट्स पूरे समर्पण के साथ शिविर में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। शिविर का समापन 14 फरवरी की सुबह 10 बजे राष्ट्रीय सेवा योजना के जिला संगठक डॉ. सुरेश पटेल के मुख्य आतिथ्य में होगा।