आम त्यौहारों से अलग है, प्रेमी जोड़ों का वेलेंटाइन डे

1 min read
Share this

जगदलपुर। प्रेमी जोड़ों का 14 फरवरी को मनाये जाने वाला वेलेंटाइन डे आम त्यौहारों से अलग है। भारतीय त्यौहारों की तरह वेलेंटाईन डे का यह त्यौहार स्वस्फूर्त नहीं है। क्रिसमस और ईद को मनाने वाले लोग एक मजहब के लोग हैं, जबकि वेलेंटाईन डे मनाने वाले लोग न केवल विविध भाषा, विविध मजहबों और विविध देशों से है। ऐसा कहा जाता है कि वैलेंटाइंस डे की शुरुआत प्राचीन रोम में हुई थी। इसकी शुरुआत 13 फरवरी से 15 फरवरी तक लुत्फ लिया का पर्व मनाया जाता था, अब इसे 14 फरवरी को मनाये जाने लगा। यह भी कहा जाता है कि सेंट वेलेंटाइन ने अपनी मृत्यु के समय जेलर की नेत्रहीन बेटी जैकोबस को नेत्रदान किया व जेकोबस को एक पत्र लिखा, जिसमें अंत में उन्होंने लिखा था तुम्हारा वेलेंटाइन, यह दिन था 14 फरवरी, जिसे बाद में इस सेंट वेलेंटाइन के नाम से मनाया जाने लगा और वेलेंटाइन-डे के बहाने पूरे विश्व में नि:स्वार्थ प्रेम का संदेश फैलाया जाता है।
विदित हो कि 14 फरवरी के पूर्व ही स्थानीय बाजार मंहगे ग्रिटिंग कार्ड व मंहगे उपहार से सजने लगा है। वेलेंटाईन डे के एक दिन पहले से प्रेमी जोड़ों के लिए कलकत्ता से सुर्ख लाल गुलाब के फूल मंगाये जा रहे हैं। दुकानों से उपहार खरीदते युवक-युवतियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। इजहार-ए-इश्क के इस रिश्ते को कायम करने के लिये दुकानों में 10 रूपये से लेकर 3000 रू तक के उपहार तथा 10 रूपये से लेकर 1500 रूपये तक के ग्रीटिंग कार्ड मौजूद हैं। जहां महंगी घड़ी, चाकलेट तथा विदेशी उपहार मौजूद हैं, वहीं इस अवसर पर गुलाब के फूल बेचने वालों की भी चांदी रहती है। एक गुलाब 25 रूपये से लेकर 100 रूपये तक बेचा जाता है। वेलेंटाईन डे पर सुर्ख लाल गुलाब की कली की कीमत अधिक होती है। कहना उचित होगा कि दिलों के लेन-देन का यह कारोबार उन्हीं के लिये होगा, जिसका दिल ही नहीं जेब भी गरम हो।