June 25, 2025

द.पू.म. रेलवे मुख्यालय जन संपर्क विभाग में कार्यरत सुरेश पैगवार डॉक्टरेट के मानद उपाधि से हुए अलंकृत

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*”मैजिक एंड आर्ट यूनिवर्सिटी- दिल्ली” द्वारा दिया गया साहित्य के क्षेत्र में डॉक्टरेट की मानद उपाधि’*
बिलासपुर। बचपन से ही साहित्य और संगीत में रुचि रखने वाले एवं बड़े बड़े साहित्यकार और संगीतकारों के संगत में रहने वाले सुरेश पैगवार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय बिलासपुर के जन संपर्क विभाग में कार्यरत हैं । उनके द्वारा रचित रेल गीत काफी लोकप्रिय हुआ है, रेलवे ही नहीं आम जन भी उतने ही चाव से उस गीत को सुनते हैं, उनके द्वारा रचित मतदाता जागरूकता गीत, आल्हा छंद में जांजगीर जिले की बखान करता गीत जिसे पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विमोचित किया गया है। श्रमिकों के ऊपर श्रम की महत्ता प्रतिपादित करता गीत, रक्षा बंधन पर लिखे गीत, गंगा पर लिखे गीत, श्रृंगार रस में लिखे कई गीतों को छालीवुड के प्रसिद्ध गायक, गायिकाओं द्वारा गाया गया है। ये सब ने सोशल मीडिया में काफी लोकप्रियता पाई है रोज हजारों लोग सुन रहे हैं। उनकी कृति सजल संग्रह को रेलवे भर्ती बोर्ड के गरिमामय समारोह में अपर महा प्रबंधक एवं आरआरबी के चेयरमैन, सेक्रेट्री तथा मुख्य राजभाषा अधिकारी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के कर कमलों से विमोचित किया गया है। अब और उनकी साहित्यिक सेवा रंग लाई है । दिल्ली के मैजिक एंड आर्ट यूनिवर्सिटी द्वारा 8 जून को डॉक्टरेट के मानद उपाधि से उन्हें अलंकृत किया जायेगा ।
देशभर के कई राज्य जम्मू कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बिहार, उड़ीसा, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि से विभिन्न क्षेत्रों से चयनित विभूतियों को दी गई मानद उपाधि । कोई भी कार्य या सेवा यदि निस्वार्थ भाव से किया जाय, तो वो सब कुछ दिला देता है जो कहा जाता है कि किस्मत वालों को नसीब होता है, आवश्यकता है तो लगन और समर्पण की ।
पैगवार अपनी साहित्यिक उपलब्धियों को रेल परिवार, समाज और गुरुओं को समर्पित करते हैं। वे हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर के साथ साथ शास्त्रीय संगीत में भी पढ़ाई किए हैं जिसके चलते उनकी रचनाओं में रस, छंद, अलंकार युक्त होने के साथ साथ गेयता रहती है। वे नेशनल सिविल डिफेंस कॉलेज नागपुर से आपदा प्रबंधन और फायर सेफ्टी में डिप्लोमा धारी भी हैं। उनके साहित्य और रेलवे की अटूट सेवा को देखते हुए विशेष रूप से रेल मुख्यालय में रखा गया है ।
वे हिंदी और छत्तीसगढ़ी में समान रूप से कलम चलाते हैं । सैकड़ों सम्मान पत्रों से सुशोभित एवं अनेकों कवि सम्मेलनों में अपनी कविता का जादू प्रदर्शित करने वाले सुरेश पैगवार अपने जिला, प्रदेश और देश के दर्जनों साहित्यिक संगठनों के पदाधिकारी हैं ।
इस युवा कवि को उक्त विश्वविद्यालय द्वारा उनकी साहित्यधर्मिता के लिए डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी जा रही है, आगामी 8 जून  को सम्मानित किया जाएगा। सुरेश पैगवार की इस उपलब्धि के लिए रेल परिवार, जन संपर्क विभाग, साहित्यिक परिवार, समस्त स्वजन, शील साहित्य परिषद, राष्ट्रीय कवि संगम, कवि लोक साहित्य परिषद, छत्तीसगढ़ उद्घोषक संघ, सजल सर्जना समिति, छंद के छ, छत्तीसगढ़ हिंदी साहित्य परिषद, राष्ट्रीय काव्य रसिक मंच, कर्नाटका साहित्य अकादमी, भव्या फाउंडेशन, कविता चौपाटी, कृतिकला एवं साहित्य परिषद के पदाधिकारियों और सदस्यों ने हर्ष व्यक्त किया है और अनवरत शुभकामना प्रेषित की जा रही हैं ।