भवन मालिक एक माह की अवधि में अग्नि सुरक्षा के सभी उपाय सुनिश्चित करें- कलेक्टर

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इंदौर।  ज़िले में लगभग 25 हजार से अधिक बिल्डिंग ऐसी हैं जो साढ़े 12 मीटर से अधिक ऊँचाई की हैं जिनमें अग्नि सुरक्षा के विशेष उपाय ज़रूरी हैं। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री आशीष सिंह ने इन सभी भवन मालिकों को एक माह की अवधि प्रदान की है कि वे अपने भवनों में अग्नि सुरक्षा के विशेस उपाय सुनिश्चित कर लें। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने कहा है कि इस अवधि के पश्चात निर्देशों का पालन नहीं करने की स्थिति में इन भवनों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने बताया है कि इंदौर में ऐसे व्यापारिक एवं वाणिज्यिक भवनों का चिन्हांकन कर लिया गया है जहाँ पर फ़ायर फ़ाइटिंग के लिए आवश्यक उपकरण लगाए जाने हैं एवं तदानुसार व्यवस्था सुनिश्चित की जाना हैं। व्यापारिक और वाणिज्यिक भवनों में जिनकी ऊँचाई 10 मीटर से कम हैं वहाँ पर फायर फर्स्ट एक्सटिंग्विशर, फ़स्ट हॉज रील, डाउन राइजर, मैन्यूअली फ़ायर अलार्म सिस्टम, टैरेस टैंक (10 हज़ार लीटर) और फायर पम्प (450 एलपीएम) होना आवश्यक है।
ऐसे वाणिज्यिक एवं व्यापारिक भवन जिनकी ऊँचाई 10 मीटर से 15 मीटर के बीच में हैं वहाँ पर फायर फर्स्ट एक्सटिंग्विशर, फ़स्ट हॉज रील, डाउन राइजर, ऑटोमेटिक (बेसमेन्ट एरिया 200 m2), मैन्यूअली फ़ायर अलार्म सिस्टम, अन्डरग्राउड वाटर (50 हजार लीटर), टैरेस टैंक (5 हज़ार लीटर) और फायर पम्प होना आवश्यक है।
ऐसे वाणिज्यिक एवं व्यापारिक भवन जिनकी ऊँचाई 15 मीटर से 30 मीटर के बीच है, वहाँ पर फायर फर्स्ट एक्सटिंग्विशर, फ़स्ट हॉज रील, वेट राइजर/डाउन कमर, ऑटोमेटिक स्पिंकलर, यार्ड हाईड्रेंट, मैन्यूअली फ़ायर अलार्म सिस्टम एवं ऑटोमेटिक अन्डरग्राउड वाटर टैरेस पंप, अंडर ग्राउड वाटर (डेढ़ लाख लीटर) और टैरेस टैंक (20 हजार) और फ़ायर पम्प होना ज़रूरी है।
जिला प्रशासन द्वारा स्पष्ट किया गया है कि इस सूचना के प्रकाशन दिनांक से व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना प्रारंभ कर दें। एक माह की अवधि व्यवस्थाएं क़ायम करने के लिए प्रदान की गई है। इसके पश्चात कमी पाए जाने पर इन भवनों को सील करने की कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने स्पष्ट किया हैं कि इन्दौर एक वाणिज्यिक शहर हैं और यहाँ न केवल स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में नागरिकों का अपितु प्रदेश भर से लोगों का आना जाना ऐसे भवनों में होता रहता हैं। ऐसे में जन सुरक्षा को देखते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाना अतिआवश्यक हैं।