महाराष्ट्र मंडल में राम भक्तों ने किया 1008 राम रक्षा स्त्रोत पाठ

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*आचार्य दंडवते ने बताया जीवन में राम रक्षा स्त्रोत और हनुमान चालीसा का महत्व*

रायपुर। महाराष्ट्र मंडल की आध्यात्मिक समिति ने रामभक्तों के साथ बुधवार शाम को 108 राम रक्षा स्त्रोत का सामूहिक पाठ किया। इस मौके पर मंडल के सचिव आचार्य चेतन गोविंद दंडवते ने राम रक्षा स्त्रोत और हनुमान चालीसा के संदर्भ में कई ज्ञानवर्धक जानकारियां दी।
महिला प्रमुख विशाखा तोपखानेवाले और नमिता शेष ने बताया कि बड़ी संख्या में पहुंचे रामभक्तों ने तय समय पर राम रक्षा स्त्रोत का सामूहिक पाठ शुरू किया। धीरे-धीरे भक्तों की संख्या के साथ उनका उत्साह भी बढ़ता चला गया। राम रक्षा स्तोत्र पाठ के बाद हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ भी किया गया।

महा आरती शुरू होने से पहले आचार्य चेतन दंडवते ने राम रक्षा स्त्रोत और हनुमान चालीसा के संदर्भ में उपस्थित श्रद्धालुओं से कई रोचक प्रश्न पूछे। इस बीच उन्होंने बताया कि राम रक्षा स्तोत्र के रचयिता ऋषि बुध कौशिक हैं, जिन्हें कालांतर में ऋषि विश्वामित्र के नाम से भी जाना गया। पौराणिक मान्यता है कि भगवान शिव ने स्वयं ऋषि बुध कौशिक को स्वप्न में आकर राम रक्षा स्त्रोत सुनाया था। इसमें 38 दोहे हैं।
आचार्य दंडवते के अनुसार राम रक्षा स्त्रोत भक्तों की रक्षा करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें भक्तों की नौ ग्रहों से भी रक्षा होती है। माना जाता है कि इसके पाठ से भगवान श्री रामचंद्र स्वयं अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। शत्रुओं से रक्षा को लेकर भी इस स्तोत्र का पाठ फलदायी माना जाता है। विभिन्न समस्याओं के समाधान, रोगों और तनाव से मुक्ति के लिए राम रक्षा स्त्रोत का पाठ किया जाता है।
आचार्य दंडवते ने बताया कि हनुमान चालीसा पाठ में 40 दोहे हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने इसे 16वीं शताब्दी में अकबर के शासनकाल में उस समय लिखा था, जब उन्हें जेल में डाल दिया गया था। हनुमान चालीसा के 18वें चौपाई में गोस्वामी तुलसीदास ने सूर्य से पृथ्वी की गणना की थी, जो आज भी खगोल शास्त्रियों के अनुसार बिल्कुल सटीक बैठती है। कार्यक्रम के अंत में भगवान श्री रामचंद्र जी की महा आरती की गई। तत्पश्चात प्रसाद और फलाहार वितरित किया गया।
इस मौके पर ज्योति कान्हे, सृष्टि दंडवते, संध्या खंगन, किशोरी खंगन, पल्लवी मुकादम, अंजलि काले, गौरी क्षीरसागर, स्वाति डबली, धनश्री पेंडसे, सुहासिनी पट्टलवार, साक्षी टोले, नीलिमा डोनगांवकर, अक्षता पंडित, श्याम सुंदर खंगन, किरण खंगन, सुबोध टोले, अरविंद जोशी, वैभव बर्वे, अजय काले, परितोष डोनगांवकर, अभय भागवतकर, अभिषेक बक्षी, प्रशांत देशपांडे, विवेक गनोदवाले, प्रसन्न निमोणकर, दिलीप लांबे, ओपी कटारिया समेत बड़ी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।