नहीं जीतेगा, यही हमारा टारगेट है – आरसीबी

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*संजय दुबे*

पाकिस्तान में एक “लूज टॉक शो”बड़ा मशहूर टी वी शो है। अनवर मसूद और मोइन अख्तर की जोड़ी सामयिक विषयों में गंभीर व्यंग्यात्मक प्रहार करती है। लूज टॉक के एक शो में किसी समय लगातार हारने वाली बांग्ला देश के खिलाड़ी के रूप में मोइन अख्तर को बैठाकर एक प्रश्न पूछते है कि आपकी टीम जीत क्यों नहीं पाती है? इसका उत्तर बांग्ला देश के खिलाड़ी बने मोइन अख्तर कहते है कि हमारी मर्जी है, नहीं जीतेगा, हमारा टारगेट है, नहीं जीतेगा।
इस एपिसोड में बांग्ला देश के खिलाड़ी को सुधार कर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के विराट कोहली को बैठा दिया गया है। कहने का मतलब ये है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू एक तरह से आईपीएल में वैसी ही टीम हो गई है जैसी वेस्ट इंडीज टीम की स्थिति अंतराष्ट्रीय स्तर पर है। अब तो लोग ये भी कहने लगे है कि रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की महिला टीम अच्छी है जिसने कम से कम आईपीएल ट्रॉफी जीती है। स्मृति मांधना को ही पुरुष टीम का कप्तान बना देना चाहिए।
सही मायने में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू की शुरुवात ही खराब हुई थी ।2008 के शुरुवाती साल में 14में से 10मैच हार गई थी आरसीबी। 15साल से ट्रॉफी के लिए तरसती टीम के लिए कप्तान कोहली भी सब कुछ करने के बाद भी विनर प्लेटफार्म में खड़े न हो सके। कप्तानी बदली गई डुप्लेसिस भी आए लेकिन नतीजा वही के वही है।
2008से 2023तक रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू का प्रदर्शन इस प्रकार रहा
वर्ष। खेले – जीते – हारे
2008- 14- 04- 08
2009- 16- 09- 07
2010- 16- 08- 08
2011- 16- 10- 08
2012- 16- 08- 07
2013- 18- 08- 06
2014- 14- 05- 09
2015- 16- 08- 06
2016- 16- 09- 07
2017- 13- 03- 10
2018- 14- 06- 08
2019- 14- 05- 08
2020- 15- 06- 08
2022- 16- 09- 07
2023- 14- 07- 07
2024 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की हालत बहुत खराब है। अब तक खेले गए 6मैच में केवल एक मैच जीते है। बड़े स्कोर करने के बाद भी टीम धराशाई हो रही है। विजय माल्या की टीम का हाल विजय माल्या जैसी हो गई है। जैसे कप्तान बदलने पर कोई असर नहीं हुआ वैसे ही मालिक बदलने पर भी पनौती छूट नहीं रही है। ज्ञात रहे विजय माल्या की जगह अमृत थॉमस नए मालिक बने है।इसका मतलब यही है कि नहीं जीतेगा, यही टारगेट है