मैं नीर भरी दुख की बदलीं’ ने बटोरी तालियां, कान्हा की पुकार ने रुलाया

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*विश्व रंगमंच दिवस पर महाराष्ट्र मंडल में ‘रंग कविता के’ का शानदार आयोजन*

रायपुर। मैं नीर भरी दुख की बदली स्पन्दन में चिर निस्पन्द बसा, क्रदंन में आहत विश्व हंसा… महादेवी वर्मा रचित कविता के पाठ और मंचन पर तालियों की गड़गड़ाहट से महाराष्ट्र मंडल का छत्रपति शिवाजी महाराज सभागृह गूंज उठा। मौका था विश्व रंगमंच दिवस पर स्व. य.गो. जोगलेकर स्मृति में महाराष्ट्र मंडल और रंगभूमि की संयुक्त प्रस्तुति ‘रंग कविता के’ का।

कार्यक्रम के संयोजक और वरिष्ठ रंगकर्मी आचार्य रंजन मोडक ने बताया की सुभद्रा कुमारी चौहान की ‘खूब लड़ी मर्दानी’ थीम पर कार्यक्रम नियोजित किया गया। साहित्यकार रामवृक्ष बेनीपुरी के ‘गेहूं और गुलाब’ निबंध पर नीरज सिंह ठाकुर और आयुष राजवैद्य की प्रस्तुति से कार्यक्रम शुरू हुआ। सियाराम शरण गुप्त की कविता शंखनाद पर आकाश वरठी ने और सुभद्रा कुमारी चौहान के ‘खिलौनेवाला’ पर नितीश यादव ने शानदार प्रस्तुति दी। आयुष राजवैद्य ने ‘जलियांवाला बाग’ पर अपने संवेदनशील अभिनय से प्रभावित किया।
पहली बार मंचन करने वाले जयप्रकाश ने राजेश जैन राही की ‘मन की वीणा’, चैतन्य मोडक ने डॉ. दीप्ति गुप्ता के ‘कबीर तुम कहां हो’, सुमन त्यागी ने निर्मला पुतुल के ‘बाबा’, रंजना ध्रुव, प्रीति धाकड़े ने आदित्य साहू की रचना ‘बड़े घर की बेटी’ पर शानदार प्रस्तुतियां दीं।

पुलिस विभाग में कार्यरत पूजा देवांगन ने स्वरचित कविता ‘मैं काली हूं’ के माध्यम से अपने पहले नाट्य मंचन से कसैले अनुभवों को सिद्धहस्त अभिनेत्री की तरह व्यक्त किया। समाज में श्वेत और श्याम रंग के बीच सदियों से स्थापित भेदभाव की सच्चाई की प्रस्तुति दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है। लोकेश साहू ने कवि सियाराम शरण गुप्त की रचना ‘एक फूल की चाह’ और सुषमा गायकवाड़ ने कवयित्री महादेवी वर्मा की रचना ‘नीर भरी दु:ख की बदरी’ में अपनी प्रस्तुति से नाट्य प्रेमी को भावविभोर कर दिया।

टीम रंगभूमि ने यह कार्यक्रम उस्ताद बिस्मिल्ला खां सम्मान से सम्मानित लोक कलाकार स्व. हेमंत वैष्णव को समर्पित किया। कार्यक्रम के अंत में महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष अजय काले की अपील पर उपस्थित नाट्य प्रेमियों ने शत- प्रतिशत और निष्पक्ष मतदान करने की शपथ ली। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि शिक्षाविद् डा. सुनीता सिंह रहीं, जबकि अध्यक्षता समाजसेवी मीनल चौबे ने की। इस अवसर पर रंग दंपती प्रो. अनिल कालेले और अपर्णा कालेले को सम्मानित किया गया।