June 24, 2025

महामुनि विद्यासागर ब्रह्मलीन होने पर सुधा सागर बोले- कानपुर वालों से कहता था, आचार्य श्री के पास जाओ, अब कहां भेजूंगा

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कानपुर। आचार्य श्री विद्यासागर जी के ब्रह्मलीन होने पर आचार्य सुधा सागर ने कानपुर के बृजेंद्र स्वरूप पार्क में आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज को विनयांजलि देते हुए  गुरुदेव विद्यासागर द्वारा समाज में दिए गए उनके योगदान की वजह से आज जैन समाज को सिर उठाकर जीने का अधिकार मिला है।

शिष्य मुनि आचार्य सुधा सागर ने कहा कि मुझ मूर्ख को भी लोगों की जिज्ञासाओं को शांत करने लायक बना दिया। जब कोई बात आती थी, तो कानपुर वालों से मैं कहता था कि आचार्य श्री के पास जाओ, लेकिन अब मैं आप सबको कहां भेजूंगा। आचार्य श्री विद्यासागर जी के आदेश पर ही आगरा से कानपुर आ गया, लेकिन अब मुझे आगे का आदेश कौन देगा।

गोशाला संवर्धन, हथकरघा केंद्र, अहिंसा की प्रेरणा, गुरुकुल पद्धति से बालिका शिक्षा के जरिये कम समय में ही आचार्य विद्यासागर जन-जन के संत बन गए थे। सुबह जब 2:50 बजे मुझे जगाकर बताया गया कि गुरुदेव ने समाधि ले ली है, तो उस समय भी स्वप्न में आचार्यश्री कुंडलपुर में मेरे द्वारा नमोस्तु कहे जाने पर मुझे आशीष देते दिख रहे थे। उनके जाने से एक युग की समाप्ति हो गई। आचार्य जी अनियत विहारी थे, बिना सूचना के चल देते थे। पहले से किसी को पता नहीं चलने देते थे कि कहां के लिए निकलेंगे।