मोबाइल फोन विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले कलपुर्जों पर आयात शुल्क में कमी
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*”मोबाइल फोन विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में मजबूती की दिशा में अग्रसर कदम”*
“उद्योग और सीमा शुल्क में निश्चितता और स्पष्टता की आवश्यकता”
बिलासपुर/नई दिल्ली। मोबाइल फोन विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले कलपुर्जों पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। इस कदम का मकसद स्थानीय उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देना है। वित्त मंत्रालय ने मोबाइल फोन के लिए स्क्रू, सिम सॉकेट या धातु की अन्य यांत्रिक वस्तुओं सहित कलपुर्जों के आयात पर शुल्क में कटौती संबंधी अधिसूचना को जारी किया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, उद्योग और सीमा शुल्क में निश्चितता और स्पष्टता की बहुत आवश्यकता है। यह प्रक्रियायें सीमा शुल्क को तर्क संगत बनाता है। मैं मोबाइल फोन विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में मजबूती की दिशा में इस कदम के लिए माननीय प्रधान मंत्री और वित्त मंत्री को धन्यवाद देता हूं”।
केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना के माध्यम से मोबाइल उद्योग से संबन्धित 3 श्रेणियों सीमा शुल्क, अवशिष्ट श्रेणी/अन्य पर लागू सीमा शुल्क में बदलाव पेश किए हैं। मोबाइल फोन के निर्माण में उपयोग के लिए वस्तुओं पर शुल्क 15प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। मोबाइल फोन के निर्माण में उपयोग की जाने वाली कई वस्तुएं जिसे “अन्य” माना गया एवं जिन पर पहले विचार किया गया था कि 15 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा और अब उन पर 10 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा। उदाहरण स्वरूप इन वस्तुओं में बैटरी कवर, फ्रंट कवर, मिडिल कवर, मेन लेंस, बैक कवर, जीएसएम एंटीना, पीयू केस, सीलिंग, गैस्केट, सिम सॉकेट, स्क्रू, प्लास्टिक और धातु की अन्य यांत्रिक वस्तुएं शामिल है।
मोबाइल उद्योग के लिए यह संशोधन काफी महत्वपूर्ण है एवं मोबाइल उद्योग जगत ने सरकार के इस कदम का जोरदार स्वागत किया है। मोबाइल उद्योग के लिए सीमा शुल्क कम करना निर्यात-आधारित विकास की दिशा में नीति परिवर्तन, नीतिगत स्थिरता सुनिश्चित करना, और विनिर्माण में प्रतिस्पर्धात्मकता को संबोधित करना भारत में मोबाइल फोन विनिर्माण उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि यह भारत में मोबाइल विनिर्माण को प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में सरकार का एक महत्वपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेप है। इस कार्य के लिए मोबाइल फोन उद्योग प्रधानमंत्री कार्यालय, ,एमओएफ और एमईआईटीवॉय की हार्दिक सराहना करता है।