June 24, 2025

पूर्व मंत्री भगत व करीबियों के यहां आयकर का छापा

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* कई शहरों में एक साथ कार्रवाई,जांच अभी जारी
रायपुर। आयकर विभाग की छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अमरजीत भगत व उनके करीबी सहयोगियों के यहां पड़े छापे की कार्रवाई से बुधवार को हडकंप मच गया है। पूर्व मंत्री के साथ काम कर चुके अधिकारियों व कर्मचारियों को भी जांच के घेरे में लिया गया है। इसलिए कि इस कार्रवाई में रायपुर,दुर्ग,भिलाई,राजनांदगांव,कोरबा,अंबिकापुर तक तार जुड़ते गए हैं। दिल्ली,छत्तीसगढ व मध्यप्रदेश आयकर विभाग की टीम नें संयुक्त रूप से कमान संभाली है। हालांकि चावल घोटाले से इस छापेमारी को जोड़कर देखा जा रहा है लेकिन जब दायरा बड़ा तो कई नामचीन लोग लपेटे में आ गए हैं और बड़े पैमाने पर गोलमाल सामने आ रहा है। अघोषित संपत्तियों की जानकारी जुटायी जा रही है जिसमें जमीन में निवेश का बड़ा खुलासा भी हुआ है। वहीं पूर्व मंत्री आरोप लगा रहे है कि राहुल गांधी की न्याय यात्रा को प्रभावित करने के लिए यह कार्रवाई की गई है।
आयकर की टीम ने पूर्व मंत्री अमरजीत भगत, बिल्डर अजय चौहान के भिलाई मौर्या टॉकिज के पास चौहान एस्टेट और रामनगर स्थित घर (अजय चौहान) रायपुर में अमर हूरा, हरपाल अरोरा, कैलाश बजाज, टीटू छाबड़ा को घेरा है। इनके अलावा राजीव नगर रायपुर में चंद्रभान शेरवानी, तेलीबांधा स्थित मारूति एरिना के संचालक संदीप जैन, भिलाई पंचवटी सोसायटी निवासी एसके केजरीवाल, दुर्ग ग्रीन चौक स्थित हनुमंत राइस मिल, राइस मिलर राजीव गुप्ता के यहां भी पड़ताल चल रही है।
उधर बलरामपुर में पूर्व मंत्री के निज सहायक राजेश वर्मा और पूर्व ओएसडी अमित शेटे के यहां भी कार्रवाई चल रही है। राजेश के राजपुर स्थित घर भी दबिश दी गई है। आईटी अफसर राजेश वर्मा से पूछताछ कर रहे हैं। टीम सुबह 6.30 बजे पहुंची थी। पूर्व मंत्री अमरजीत भगत का बैंक खाता की जानकारी लेकर आईटी की 2 अफसर एसबीआई बैंक गए हैं।
सूत्रों के मुताबिक ये सभी पूर्व मंत्री भगत और उनके पुत्र के कारोबारी हिस्सेदार हैं। ये सभी ला विस्टा में एक ही परिसर में रहते हैं। उधर भिलाई के बिल्डर डेवलपर चौहान गु्रप में भी नामचीन लोगों का बड़ा निवेश है। ऐसे में छापेमारी के ठिकाने और बढ़ सकते हैं।
आयकर अफसरों की एक टीम दिल्ली की और दूसरी भोपाल आयुक्त की निगरानी निर्देश पर कार्रवाई कर रही है। आयकर अफसर फिलहाल सभी ठिकानों में पड़ताल कर रहे हैं। यह जांच दो-तीन दिन चलने की जानकारी आ रही है। इनके अतिरिक्त भगत के करीबी एस आई रूपेश नारंग और ड्राइवर महेंद्र पासवान के यहां भी आईटी अफसर जांच कर रहे हैं। रूपेश सीतापुर, अंबिकापुर में लंबे समय तक थानेदार रहे हैं। वहीं ड्राइवर महेंद्र, भगत के बड़े राजदार और भगत परिवार के निवेश में हिस्सेदार भी रहे हैं। महेंद्र, भगत परिवार की पाइप फैक्ट्री शिवशक्ति इंडस्ट्रीज के पास रहता है।
कई बड़े जमीन के सौदों की जांच भी-
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के करीबी कारोबारी हरपाल उर्फ राजू अरोरा, कैलाश बजाज, अरजीत छाबड़ा, और अमन भूरा का नाम कई चर्चित जमीन के सौदा में शामिल रहा है। आईटी इन सभी की जांच कर रही है। चर्चा है कि भगत के करीबियों ने दो साल पहले धरमपुरा पुरैना स्थित सहारा सिटी की जमीन भी खरीदा था। यह सौदा करोड़ों का होना बताया जा रहा है। इसके अलावा तेलीबांधा के आगे होटल और जमीन की खरीद में इन सभी की हिस्सेदारी रही है। यही नहीं, खाद्य विभाग के पीडीएस में आदिवासी क्षेत्रों के लोगों के लिए राशन में चना सप्लाई का बड़ा ठेका भी भगत के करीबियों के पास था।
भगत का कुछ और कहना है-
पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने अपने और करीबियों के यहां आयकर छापेमारी के बाद कहा है कि यह सब मुझे परेशान करने की साजिश है क्योंकि मुझे राहुल गांधी की न्याय यात्रा के छत्तीसगढ़ का समन्वयक बनाया गया है। इसी कारण मुझे बदनाम किया जा रहा है।