20 से अधिक कलाकारों ने मिलकर बताया दूल्हा राजा कैसे दहेज के लोभियों को सबक सिखाते हैं
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रायपुर। 26 जनवरी को छत्तीसगढ़ के साथ राज्य के बाहर कुछ सिनेमाघरों में एक साथ रिलीज हुई फिल्म दूल्हा राजा में 20 से अधिक नामी कलाकारों ने अभिनय किया और उन सभी ने मिलकर छत्तीसगढ़ के साथ ही देश को लोगों को बताया कि किस तरह दहेज के लोभी बहुओं को प्रताडि़त करते है और उन्हें कैसे सबक सिखाया जाता है। इंटरवेल के पहले तक हर 15 मिनट में 5 गानों के माध्यम के दर्शकों को यह बताया कि बेटी की बिदाई में एक माता-पिता कैसे अपनी बेटी को बिदा करता है और दहेज के लोभियों को जैसे-तैसे मनाकर अपनी बेटी को बिदा करता है। दुल्हन का भाई अचानक विदेश से पढ़ाई पूरी करने के बाद सीधे अपनी बहन के यहां पहुंचता तो देखता कि उसके सास और ससुर उसे किस तरह से दहेज के नाम पर प्रताडि़त कर रहे है। फिर वह ठान लेता हैं कि इन दहेज के लोभियों को सबक सिखाया जाए। इस बीच उसकी बेटी (काजल सोनबेर) भी पढ़ाई पूरी तरह गांव लौट आती है जिसे अपने जाल में फंसाने के लिए निर्माता, निर्देशक व अभिनेता राज वर्मा सीमेंट की फैक्ट्री लगाने के बहाने घर में रहने लगता है और उसकी बेटी से शादी करने के बाद पूरी संपत्ति को अपने नाम करवा लेता है और इन दहेज के लोभियों को अच्छा सबक सिखाते हैं। फिल्म पूरी तरह से पारिवारिक ढांचे में बनी है और फिल्म के अंत से कुछ समय पहले ही 2 मिनट का फाइट सीन है जिसकी इस फिल्म में बहुत जरुरत थी जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया।
फिल्म के अभिनेता राज वर्मा तो वैसे नृत्य में परिपूर्ण है लेकिन इस फिल्म में उन्हें नृत्य करने में थोड़ी कठिनाई जरुर महसूस हुआ क्योंकि जिस हिसाब से फिल्म में गाने रखे गए थे उस हिसाब से वर्मा नृत्य नहीं कर पा रहे थे। काजल सोनबेर वैसे तो छत्तीसगढ़ सिनेमा में एक जानी – पहचानी नाम है लेकिन इस फिल्म में उन्हें मुश्किल से 18 से 20 मिनट का ही रोल दिया गया है इसमें वह दर्शकों को थोड़ी बहुत अपनी ओर खींचने के लिए कामयाब हुई है। फिल्म देखने के बाद दर्शकों का कहना था कि फिल्म को एक बार और देखा जा सकता है, गाने और उसके लोकेशन बहुत अच्छे है, कमी सिर्फ इतना था कि पूरी फिल्म सिर्फ एक ही जगह पर फिल्माया गया है।