June 24, 2025

ऐसी उपेक्षा भी किस काम की

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रायपुर। पंडरी स्थित पुराने बस स्टैंड में बरसों पूर्व शुरु किए गए समाजसेवी संगठन के द्वारा प्याऊ की जीर्ण-शीर्ण खस्ता हालत को देखते हुए बरबस ही आँखें डबडबा गई, वजह यह थी कि पत्रकारिता क्षेत्र के पुरोधा का नाम भी लोकार्पण के पत्थर पर अंकित था।
यूं तो समाज में अपनी मानव सेवाओं के लिए सभी संप्रदाय के सामाजिक संगठन अपनी सक्रिय भूमिका निभाते आ रहे है और निभा भी रहे है। यही वजह है कि आज भी समानता की स्थिति को वे बेहतर बनाने में पीछे नहीं हटते और कभी चूंकते भी नहीं है। लेकिन विडंबना यह है कि वर्ष 1991 में ऐसे ही एक सामाजिक संगठन ने प्याऊ घर की स्थापना की थी जिससे कि लोगों को शुद्ध और स्वच्छ पेयजल नियमित रुप से उपलब्ध हो सकें। लेकिन आज यह पेयजल घर पूरी तरह से खंडहर हो चुका है और इसकी ओर किसी का ध्यान नहीं है। यह बात अलग है कि पंडरी बस स्टैंड अब नई जगह पर स्थानांतरित हो चुका है जिसके कारण यहां पहले जैसी लोगों की आवाजाही नहीं रही है, लेकिन परिवहन विभाग का एक महत्वपूर्ण कार्यालय आज भी यहां पर कार्यरत है जिससे वहां पर लोगों का आना-जाना बना हुआ है। ऐसे में इस पेयजल घर को नये स्वरुप में फिर से शुरु करने की आवश्यकता है क्योंकि इसके लोकार्पण पत्थर पर पत्रकारिता के आधार स्तंभों में से वरिष्ठ पत्रकार स्व.बबन प्रसाद मिश्र का नाम और तत्कालीन संभागीय आयुक्त आईएएस ए.डी. मोहिले का नाम अंकित है।