छात्राओं के कौशल विकास में सहायक होगी नृत्य कार्यशाला: तिवारी

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*कला अकादमी छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद संस्कृति विभाग की तीन दिवसीय भरतनाट्यम पदम कार्यशाला का समापन*

दुर्ग। कला अकादमी छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद संस्कृति विभाग और शासकीय डॉक्टर वामन वासुदेव पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय दुर्ग के संयुक्त तत्वाधान में जारी तीन दिवसीय भरतनाट्यम पदम कार्यशाला का समापन गुरुवार की दोपहर हुआ। इस अवसर पर प्राचार्य सुशील चंद्र तिवारी ने कहा कि ऐसी कार्यशालाएं छात्राओं के कौशल विकास में सहायक होती है। उन्होंने कहा कि यहां जिस गंभीरता के साथ छात्राओं सीख कर अपनी प्रस्तुति दी है उससे इनकी सीखने की क्षमता में और वृद्धि होगी।

समापन अवसर पर यहां छात्राओं ने तीन दिन की कार्यशाला के प्रशिक्षण उपरांत प्रस्तुतियां दी। जिनमें मौसमी,उर्वशी और निशा ने ‘प्रथम पूज्य गणेश’ की प्रस्तुति दी। वहीं नृत्यति संस्थान से सौम्या, पूर्वा, राजश्री, मेधा और कॉलेज से अनामिका, कीर्ति कश्यप, पी. राजेश्वरी,पूजा चेलक व प्रेक्षा सहित 20 छात्राओं ने ‘परकिया नायिका’ पर आधारित पदम की प्रस्तुति दी।
इस दौरान कार्यशाला में शामिल रहे प्रसिद्ध कोरियोग्राफर अनिल तांडी में कहा कि नृत्य गुरु जी. रतीश बाबू ने जिस सहजता के साथ हम सभी को सिखाया और यहां छात्रों में जिस गंभीरता से समझने की कोशिश की, ऐसा  बहुत कम कार्यशालाओं में देखने को मिलता है। छात्राओं को संबोधित करते हुए डॉ. रतीश बाबू ने कहा कि यहां छात्राओं को भरतनाट्यम में अभिनय पक्ष को जिस गंभीरता से आत्मसात किया, उससे उम्मीद की जा सकती है कि इस शास्त्रीय नृत्य को छात्राएं और बेहतर ढंग से परफॉर्म कर पाएंगी। नृत्य विभाग की प्रमुख डॉक्टर ऋचा ठाकुर ने कहा कि महाविद्यालय की छात्राओं और नृत्यति संस्थान की छात्राओं ने मिलकर तीन दिन में जिस गंभीरता से सीखा है, यह उनके भविष्य में काम आएगा। उन्होंने इस आयोजन के लिए कला अकादमी के अध्यक्ष योगेंद्र त्रिपाठी का भी आभार जताया।  आयोजन में डॉक्टर डीसी अग्रवाल, तृप्ति खरे, मधु पांडे,नावेंद्र,उषा व शिल्प वर्षा के राजेंद्र सुनगरिया सहित महाविद्यालय के प्राध्यापकगण मौजूद थे।