पति को मौत के मुंह से खींच लाई, आत्महत्या को बताया पाप

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*छत्तीसगढ़ आदिवासी लोककला अकादमी के नाचा समारोह में हुआ ‘पति परमेश्वर’ का मंचन*

रायपुर। छत्तीसगढ़ आदिवासी लोककला अकादमी के नाचा समारोह में बुधवार की शाम देव प्रसाद नेताम के नेतृत्व में मां अंबे की खोज नाचा पार्टी हज्जू टोला मोहला मानपुर ने गम्मत ‘पति परमेश्वर’ का मंचन किया। जिसमें पति-पत्नी के प्रेम को दर्शाया गया वहीं आत्महत्या को रोकने जागरुकता से भरा संदेश भी दिया गया। संस्कृति विभाग घासीदास संग्रहालय सभागार में शाम को शुरू हुए गम्मत के दौरान मौसम बिगड़ते ही बिजली गुल हो गई।

लेकिन नाचा देखने उपस्थित दर्शकों में उत्साह इतना था कि कहीं कोई रुकावट नहीं आई। करीब 20 मिनट तक दर्शकों ने अपने-अपने मोबाइल की लाइट ऑन रखी और मोबाइल फोन की रोशनी में ही नाचा का मंचन चलता रहा। 20 मिनट बाद बिजली आने पर सभी ने राहत की सांस ली। गम्मत में मंचित कथानक के अनुसार एक परिवार में तीन भाई निवास करते थे बड़ा भाई बहरा ( श्रवण बाधित) और मंझला भाई लंगड़ा है, वहीं सबसे छोटा भाई सामान्य है। तीनो भाई संतान नहीं है। ऐसे में पूरा परिवार एक साथ बैठकर सलाह मशवरा कर छोटे भाई की दूसरी शादी कर देते हैं। लेकिन दूसरी शादी से आई बहू घर में सभी को परेशान करने लग जाती है। ऐसे में परेशान पति आत्महत्या करने जा रहा है। तब उसकी पहली पत्नी रोकती है और उसे मौत के मुंह से खींच लाती है। वहीं समाज को आत्महत्या करने से रोकने का संदेश भी देती है।


इस गम्मत में अभिनय पक्ष में बड़ा भाई-देव प्रसाद नेताम, पत्नी-अंकालूराम साहू,मझला भाई-घनश्याम कोमरे,पत्नी-गणेश ठाकुर,छोटा भाई-राजेंद्र साहू,पहली पत्नी- रिखीराम साहू और दूसरी पत्नी-मुकेश साहू ने योगदान दिया। वहीं संगीत पक्ष में हारमोनियम-लखन निषाद,बेंजो-बेद लाल निसाद,आर्गन-लीलाधर निषाद, तबला-राम अवतार चंद्रवंशी,ढोलक-सोहनलाल चंद्रवंशी,पैड-भूपत सिंह घावडे,जोकर-घनश्याम कोमरे,मुकेश साहू,देव प्रसाद नेताम,जनाना-रिखीराम साहू व राजेंद्र साहू,परी-अंकालू ठाकुर और गणेश ठाकुर,सहयोगी-कमलेश, लखन लाल, कमलेश नेताम और हेमंत कुमेटी का सहयोग रहा।