शिवाजी महाराज महिलाओं का करते थे सम्मानः चेतन
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*महाराष्ट्र मंडल में युवा समिति की ओर से छत्रपति शिवाजी महाराज की मासिक महाआरती में शामिल हुए सभासद*
रायपुर। महाराष्ट्र मंडल के सचिव चेतन दंडवते ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मासिक महाआरती के बाद उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिवराया महिलाओं का बड़ा सम्मान करते थे। उन्होंने महिलाओं के प्रति किसी तरह की हिंसा या उत्पीड़न का पुरजोर विरोध किया। साथ ही शिवाजी महाराज ने अपने सैनिकों को सख्ती से निर्देश दे रखा था कि किसी गांव या अन्य स्थान पर हमला करने की स्थिति में किसी भी महिला को नुकसान न पहुंचाया जाए। महिलाओं को हमेशा सम्मान के साथ लौटा दिया जाता था। अगर उनका कोई सैनिक महिला अधिकारों का उल्लंघन करता पाया जाता था, तो उसकी कड़ी सजा मिलती थी। एक बार युद्ध जितने के बाद उनका सैनिक एक मुगल सूबेदार की बहू को ले आया था। उसने सोचा था कि उसे शिवाजी को भेंट करूंगा तो वह खुश होंगे। लेकिन हुआ इसका उल्टा। शिवाजी ने उस सैनिक को खूब फटकारा और सुबेदार की बहू को सम्मान के साथ उसके महल पहुंचा कर आने को कहा।
चौबे कॉलोनी स्थित महाराष्ट्र मंडल भवन में गुरुवार, 19 जून की शाम छत्रपति शिवाजी महाराज की मासिक महाआरती की गई। इसमें बडी संख्या में मंडल के सभासद उपस्थित रहे।
दंडवते ने कहा कि शिवाजी पहले हिंदुस्तानी शासक थे, जिन्होंने नौसेना की अहमियत को पहचाना और अपनी मजबूत नौसेना का गठन किया। उन्होंने महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र की रक्षा के लिए तट पर कई किले बनाए। इनमें जयगढ़, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और अन्य स्थानों के किले शामिल थे।
छत्रपति शिवाजी की महाआरती के समय युवा समिति की प्रमुख शुचिता देशमुख, शचिंद्र देशमुख, सुबोध टोले, प्रवीण क्षीरसागर, अतुल गद्रे, श्याम सुंदर खंगन, विक्रांत सहित अन्य सदस्यगण उपस्थित रहे।