वंदे भारत ट्रेनों के मेंटेनेंस हेतु डिपो निर्माण में पर्यावरण संरक्षण का रखा जा रहा है विशेष ध्यान

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*बिलासपुर मंडल का अधोसंरचना विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देने की सराहनीय पहल*

बिलासपुर। मंडल प्रशासन द्वारा अधोसंरचना विकास के साथ ही पर्यावरण संरक्षण का हमेशा से विशेष ध्यान रखा जाता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण रेलवे परिक्षेत्र की चारों ओर की हरियाली है, फलस्वरूप यहाँ का तापमान भी शहर की तुलना में काफी कम रहता है।
मंडल प्रशासन ने अधोसंरचना विकास के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए एक उल्लेखनीय कदम उठाया है। वंदे भारत ट्रेनों के बेहतर रखरखाव के लिए एफ़सीआई गोदाम के पास एक डिपो का निर्माण किया जा रहा है, जो इन ट्रेनों की देखरेख और संचालन को अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाएगा।
परियोजना की खास बात यह है कि पर्यावरणीय संरक्षण के प्रति मंडल की प्रतिबद्धता के चलते निर्माण स्थल पर मौजूद 50 पेड़ों को काटने के बजाय सुरक्षित रूप से अन्यत्र स्थानांतरित किया जा रहा है। यह प्रयास पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मददगार साबित होगा। पेड़ों के संरक्षण के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं:
*पेड़ों का पूर्व उपचार * स्थानांतरण से पहले पेड़ों को आवश्यक उपचार दिया गया ताकि उनका स्वास्थ्य अच्छा बना रहे।
*स्थल की तैयारी:* नई जगह पर पेड़ों को पुनः रोपित करने के लिए विशेष दवाइयों और विधियों से जगह तैयार की गई।
*पुनः रोपण * पेड़ों को सावधानीपूर्वक नए स्थान पर सफलतापूर्वक स्थानांतरित किया गया।
*बाद की देखभाल * पेड़ों के रोपण के बाद उनकी निरंतर देखरेख और निगरानी सुनिश्चित की जा रही है।
यह कदम पर्यावरण संरक्षण के प्रति उसकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पहल न केवल जैव विविधता को संरक्षित रखने में सहायक है, बल्कि पर्यावरणीय जागरूकता को भी प्रोत्साहित करती है। ऐसे हरित कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा और संतुलित भविष्य सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
वंदे भारत ट्रेनें अपनी उच्च गति और आरामदायक यात्रा के लिए तो प्रसिद्ध हैं ही, अब उनके रखरखाव में उठाए गए पर्यावरणीय कदम इन्हें और अधिक जिम्मेदार और पर्यावरण-अनुकूल परिवहन प्रणाली के रूप में स्थापित कर रहे हैं।
भविष्य में भी अधोसंरचना विकास के साथ पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए इस प्रकार के सकारात्मक प्रयास जारी रहेंगे। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत आने वाले स्टेशनों पर भी इसी तरह के कार्य किए जाएंगे,जिससे रेलवे के हरित प्रयासों को और बढ़ावा मिलेगा।