June 23, 2025

आजादी के पूर्व महात्मा गांधी के जन्मदिन पर स्थानीय अवकाश घोषित करने रायपुर नगर पालिका ने किया था प्रस्ताव पारित

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*तीन जून से 70 से 100 साल पुरानी ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी राजधानी के कला वीथिका में*

रायपुर। आजादी के पहले लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि एवं महात्मा गांधी के जन्मदिन पर स्थानीय अवकाश घोषित करने रायपुर नगरपालिका के तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा संकल्प पारित कर उपायुक्त को पत्र लिखा गया था। ऐसे ही अनेक ऐतिहासिक दस्तावेज तीन जून से आप राजधानी के कला वीथिका में देखा जा सकता है। संस्कृति विभाग अंतर्गत संचालनालय पुरातत्त्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय अभिलेखागार सप्ताह 3 से 9 जून तक मनाया जायेगा। इस दौरान महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय सिविल लाइंस रायपुर स्थित कला विथिका में छत्तीसगढ़ अंचल के लगभग 70 से 100 साल पुरानी ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी लगाई जायेगी।
इस प्रदर्शनी में 1927 में रायपुर नगर स्थित बूढ़ा गार्डन को मनोरंजन उद्यान और लारी म्यूनिसिपल स्कूल के खेल मैदान विस्तार के लिए नगरपालिका समिति रायपुर को सौंपने संबंधी अभिलेख; आजादी के पहले लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि एवं महात्मा गांधी के जन्मदिन पर स्थानीय अवकाश घोषित करने रायपुर नगरपालिका के तत्कालीन अध्यक्ष द्वारा संकल्प पारित कर उपायुक्त रायपुर को लिखा गया पत्र; राजिम जिला गरियाबंद के पुरातात्त्विक स्थल सीताबाड़ी को भारत सरकार द्वारा 1938 में संरक्षित स्मारक घोषित करने की अधिसूचना; छत्तीसगढ़ के 14 देशी राज्यों के एकीकरण सबंधी अभिलेख; रायपुर के राजकुमार कॉलेज में सन् 1948 में तरणताल और टेनिस कोर्ट निर्माण के लिए विभिन्न रियासतों द्वारा दिये गए अनुदान संबंधी दस्तावेज; रायपुर के माना में शरणार्थी कैंप शुरू करने और शरणार्थियों के रायपुर आगमन पर स्थानीय प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं के संबंध 1948 में रायपुर के तत्कालीन उपायुक्त द्वारा लिखे गये ज्ञापन से संबंधित दस्तावेजों को देखा जा सकता है।
इसके साथ ही सन् 1948 में रायगढ़ जूट मिल में मजदूर आंदोलन की घटना; सन् 1953 में छुईखदान को खैरागढ़ तहसील में सम्मिलित किये जाने के निर्णय के फलस्वरूप स्थानीय विरोध और गोलीकांड की घटना से संबंधित अभिलेख भी इस प्रदर्शनी में शामिल होंगे। वहीं, सन् 1949 की एक अधिसूचना से यह जाना जा सकता है कि रायपुर खम्हारडीह में शंकर भगवान के मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद उसका नाम परिवर्तित कर शंकर नगर किया गया। बस्तर में दशहरा को पूर्व की भांति राज्य उत्सव के रूप में मनाये जाने के सरकार के निर्णय और भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना के लिए रशियन विशेषज्ञों के आगमन और जमीन, पानी के परीक्षण हेतु कोष आबंटन तथा भिलाई इस्पात संयंत्र में विद्युत आपूर्ति हेतु तत्समय किये गए सरकारी प्रयासों एवं सन् 1866 में रायपुर नगरपालिका परिषद के गठन के समय से लेकर वर्तमान तक समय-समय पर हुए वार्डों के पुनर्गठन सबंधी दस्तावेज भी इस प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण होंगे।
प्रदर्शनी का निःशुल्क अवलोकन 3 से 9 जून तक कार्यालयीन समय में किया जा सकता है। इस 7 दिवसीय कार्यक्रम में 7 जून 2024 को विषय-विशेषज्ञों डॉ. ललाटेन्दू महापात्र, डायरेक्टर सेंटर फॉर ज्यूडिशियल आर्काइव्स ओडिशा और जे.के. लोथरा, राष्ट्रीय अभिलेखागार, नई दिल्ली के व्याख्यान भी होंगे।