दूधाधारी मठ में मनाया गया नृसिंह जयंती
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रायपुर। वैशाख शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को भगवान नृसिंह जयंती के अवसर पर दूधाधारी मठ में विशेष पूजा अर्चना की गई। भगवान को भोग अर्पित करके श्रद्धालु भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया। माना जाता है कि वैशाख शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को भगवान श्री विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिये नृसिंह रुप धारण कर हिरण्यकशिपु का वध किया।
महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास महाराज ने कहा है कि भगवान श्री हरि का अवतार इस जगत में किस लिए होता है यह तो केवल भगवान श्रीहरि ही जान सकते हैं, उनके अलावा इसे कोई भी नहीं जान सकता। गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज ने श्री रामचरितमानस में स्पष्ट शब्दों में लिखा है कि हरि अवतार हेतु जेहि होई, इदमित्थं कहि जाइ न सोई।। किंतु फिर भी यह सामान्य मान्यता है कि जब-जब धर्म की हानि होती है और अभिमानी, असुरों की वृद्धि होती है तब -तब प्रभु विविध शरीर धारण करके संतों का संताप हरते हैं। ऐसा संत, मुनि, वेद और पुराण सब अपनी- अपनी मति के अनुसार कहते हैं । उन्होंने नृसिंह जयंती के अवसर पर संपूर्ण भारतवर्ष सहित छत्तीसगढ़ वासियों को शुभकामनाओं के साथ बधाई दी है।