दो दिवसीय माँ जीण भवानी महोत्सव 6 से
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*जीण शक्ति मंगलपाठ एवं भजन की अमृत गंगा में स्नान कराएगी शीतल कटारूका*
00 सुप्रसिद्ध अभि सावंत ग्रुप की नृत्य नाटिका होगी आकर्षण का केन्द्र*
*6 जनवरी को भव्य शोभायात्रा से होगा महोत्सव का शुभारंभ*
राजनांदगांव। सनातन संस्कृति में प्रत्येक व्यक्ति एवं परिवार की कुलदेवी हुआ करती है। पुराने समय में जहाँ हमारे पूर्वज रहा करते थे, वहीं के प्राचीन एवं प्रतिष्ठित देवी मंदिर में विराजित आदिभवानी देवी को उन परिवारों की कुलदेवी के रूप में पूजने की परम्परा है। हिन्दू संस्कृति में विभिन्न देवी-देवताओं की आराधना करने का विशेष महत्व बताया गया है। पूरे भारतवर्ष में विभिन्न स्थानों पर प्रमुख देवियों के मंदिर विद्यमान है, उनमें से एक प्रमुख मंदिर राजस्थान के सीकर जिला में ग्राम गोरिया में लगभग 1500 वर्ष पूर्व से स्थापित भव्य एवं मनमोहक अतिप्राचीन माँ जीण भवानी का मंदिर स्थित है। देश-विदेश में करोड़ों की संख्या में माँ जीण भवानी को कुलदेवी के रूप में पूजने वाले भक्त निवास करते हैं। प्रतिवर्ष चैत्र शुक्ल एवं अश्विनी शुक्ल की नवरात्रि के समय यहाँ भव्य मेला लगता है जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्त पहुँचकर अपनी मनोकामना पूर्ण करते हैं। वर्ष भर यहाँ भक्तों का आवागमन जारी रहता है।
संस्कारधानी नगरी राजनांदगाँव में भी माँ जीण भवानी के भक्तों द्वारा वर्ष 2016 में पहली बार सार्वजनिक रूप से भव्य महोत्सव मनाये जाने की परम्परा शुरू की गई तब से लगातार इस वर्ष सप्तम माँ जीण भवानी महोत्सव का दो दिवसीय विराट आयोजन 6 एवं 7 जनवरी को उदयाचल प्रांगण में श्री जीण माता सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। राजनांदगांव नगर में माँ जीण भवानी को कुलदेवी के रूप में पूजने वाले लगभग 100 से अधिक परिवार निवास करते हैं जिनके द्वारा उक्त महोत्सव आयोजित किया जाता है।
श्री जीण माता सेवा समिति द्वारा आयोजित दो दिवसीय महोत्सव के प्रथम दिवस 6 जनवरी शनिवार को दोपहर 2.30 बजे भव्य शोभायात्रा श्री सत्यनारायण धर्मशाला कामठी लाईन से प्रारंभ होकर भारत माता चौक, तिरंगा चौक होते हुए जीण धाम उदयाचल प्रांगण पहुँचेगी।
द्वितीय दिवस 7 जनवरी रविवार को दोपहर 2 बजे से माँ जीण शक्ति मंगल पाठ एवं भजनोत्सव का कार्यक्रम आयोजित है। मंगल पाठ का वाचन एवं भजनोत्सव पुरूलिया की माँ भवानी की दीवानी शीतल कटारूका के द्वारा अपनी सुमधुर वाणी से अमृत गंगा प्रवाहित करते हुए किया जावेगा। इस दौरान कोलकाता की सुप्रसिद्ध अभि सावंत ग्रुप की नृत्य नाटिका आकर्षण का मुख्य केन्द्र होगी। मंगल पाठ के बीच मेंहदी उत्सव, चुनरी उत्सव, गजरा उत्सव व बधाई का उत्सव मनाया जायेगा। 56 भोग भी लगाया जायेगा। उदयाचल प्रांगण में माँ जीण भवानी का अलौकिक एवं भव्य श्रृंगार का दर्शन श्रद्धालु भक्तगण प्राप्त कर सकेंगे।