राजेश्री महन्त ने किया आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या को पारिजात वृक्ष रोपित
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रायपुर। अषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या को श्री शिवरीनारायण मठ एवं श्री दूधाधारी मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज ने महानदी के त्रिवेणी संगम तट पर स्थित अति प्राचीन जनकपुरी (जोगीडीपा) में पारिजात वृक्ष का रोपण किया। यह वृक्ष वे श्री दूधाधारी मठ रायपुर से लेकर आए हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार यह देवलोक से पृथ्वी लोक में लाया गया वृक्ष है जो बरगद या पीपल के वृक्ष की तरह विशाल होता है, इसके फूल कमल के फूल की तरह काफी बड़े होते हैं और प्राय: श्वेत रंग का होता है। सयंकालीन बेला में यह पुष्प स्वर्ण रंग का हो जाता है।
उल्लेखनीय है कि राजेश्री महन्त महाराज ने शिवरीनारायण में स्थित अति प्राचीन कृष्णवट को श्री दूधाधारी मठ रायपुर में स्थापित किया है जो काफी बड़ा होकर पुष्पित और पल्लवित हो रहा है और अब उन्होंने श्री दूधाधारी मठ रायपुर से पारिजात वृक्ष लाकर शिवरीनारायण के जनकपुरी में कुएं के समीप अपने सहयोगियों सहित रोपित किया है जो की सराहनीय पहल है। इस अवसर पर विशेष रूप से मठ मंदिर के मुख्तियार सुखराम दास जी, भुवनेश्वर प्रसाद तिवारी जी,ओम प्रकाश साहू पार्षद, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव, रतन साहू, दाऊलाल साहू, जनक राम साहू, हर्ष दुबे, प्रफुल्ल साहू, संतोष केवट सहित मठ मंदिर के अनेक सहयोगीगण उपस्थित थे।