June 24, 2025

धमतरी में जन संस्कृति मंच (जसम)की इकाई गठित,कमलेश पांडे बने अध्यक्ष

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*वतांजलि गोस्वामी को मिली सचिव की जिम्मेदारी*

धमतरी। दुर्ग-भिलाई,रायपुर और बिलासपुर के बाद अपनी सांस्कृतिक विरासत के मशहूर छत्तीसगढ़ के धमतरी में भी जन संस्कृति मंच की इकाई गठित कर दी गई है.धमतरी जसम के पहले अध्यक्ष देश के नामचीन गीतकार त्रिभुवन पांडे के पुत्र कमलेश पांडे बनाए गए हैं, जबकि सचिव पद की जिम्मेदारी वतांजलि गोस्वामी को दी गई है. उपाध्यक्ष पद पर प्रखर पत्रकार और लेखक जमाल रिजवी को नियुक्त किया गया है. सह-सचिव युवा लेखक लोकेश्वर कुमार को बनाया गया है. सांस्कृतिक दल का प्रभार एवं कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी आकाश गिरी गोस्वामी को सौंपी गई है.

कार्यकारिणी सदस्यों में जीतू गढ़वी, अब्दुल रज्जाक, डॉ. विजय पंजवानी, साहिर, जानकी गुप्ता, माधुरी मारकंडे, प्रतिमा दीवान, खिलावन कुमार साहू, चेतनानंद और भरत साहू को शामिल किया गया है.

रविवार को यहां स्थानीय जैनब पैलेस में जन संस्कृति मंच रायपुर छत्तीसगढ़ संरक्षक सदस्य राजकुमार सोनी, दुर्ग-भिलाई जसम के कोषाध्यक्ष सुलेमान खान की मौजूदगी में आयोजित की गई. बैठक में…….जन संस्कृति मंच के संविधान का वाचन किया. बैठक के दौरान सभी सदस्यों ने आपस इस बात को लेकर विमर्श भी किया कि वे जसम से क्यों जुड़ रहे हैं? सभी सदस्यों ने यह माना कि अंधेरे समय से मुठभेड़ के लिए जसम जैसे सक्रिय संगठन से जुड़ाव बेहद आवश्यक है.
सभी सदस्यों ने विधिवत ढंग से प्रपत्र भरकर सदस्यता ग्रहण की और आगामी कार्यक्रमों की रुपरेखा पर विस्तार से विमर्श किया.

जन संस्कृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविभूषण ने धमतरी इकाई के गठन को सार्थक पहल माना है. उन्होंने कमलेश पांडे और जिम्मेदार पदाधिकारियों को बधाई देते हुए इस बात की उम्मीद जताई है कि नई टीम लोकतांत्रिक और प्रगतिशील मूल्यों को ध्वस्त करने के खेल में जुटी शक्तियों से वैचारिक और सांस्कृतिक धरातल पर डटकर मुकाबला करेंगी.

जसम के राष्ट्रीय महासचिव मनोज सिंह ने भी धमतरी इकाई के गठन पर नए सदस्यों को बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि आज जबकि देश एक कठिन दौर से गुज़र रहा है तब हमें अधिक सक्रिय और सृजनशील रहने की आवश्यकता है. फ़ासीवादी ताकतें देश की बहुलवादी संस्कृति पर हमला कर जनता को विभाजित करने के खेल में जुटी हुई हैं. लिखने और बोलने के अधिकार पर सबसे अधिक हमले हो रहे हैं. ऐसे भयावह दौर में यदि लेखक और कलाकार संगठित होकर फ़ासीवाद की विभाजनकारी संस्कृति के ख़िलाफ़ संघर्ष को तेज़ करने का संकल्प लेते हैं तो यह निश्चित तौर पर स्वागत योग्य है.

जन संस्कृति मंच छत्तीसगढ़ के समन्वयक सियाराम शर्मा ने भी इस बात की उम्मीद जताई कि धमतरी में नवगठित इकाई के सदस्य फ़ासीवाद की बर्बरता और आक्रामकता के ख़िलाफ़ एकजुट होकर सांस्कृतिक तौर-तरीकों से अपनी आवाज़ बुलंद करते रहेंगे.जसम रायपुर के संरक्षक सदस्य राजकुमार सोनी ने सभी नए सदस्यों को बताया कि छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के बहुत से हिस्सों में मौजूद लेखक और संस्कृतिकर्मी जसम से लगातार जुड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि जल्द ही छत्तीसगढ़ के गरियाबंद, राजनांदगांव, कवर्धा, बस्तर, अंबिकापुर, जांजगीर-चांपा में जसम की इकाईयां गठित कर दी जाएगी.