सड़क निर्माण में विनिर्देश” विषय पर तकनीकी व्याख्यान पर अतिथियों ने विचार व्यक्त किये
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भिलाई। द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई स्थानीय केंद्र द्वारा गुरूवार 12 जून को ”सड़क निर्माण में विनिर्देश” विषय पर एक तकनीकी व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री दीपक कुमार शर्मा , आई ई एस , पूर्व अपर महानिदेशक , सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय , भारत सरकार , नई दिल्ली, एवं अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में श्री डी के प्रधान, पूर्व प्रमुख अभियंता, छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर मौजूद थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई केंद्र के चेयरमैन श्री पुनीत चौबे ने की ।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में स्वागत भाषण में द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई शाखा के मानसेवी सचिव श्री बसंत साहू ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सड़क निर्माण में विनिर्देशों की भूमिका रीढ़ की हड्डी के संमान है । श्री साहू ने कहा कि सड़क दुर्घटना में जनहानी अत्याधिक चिंता का विषय है । उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य सड़क निर्माण और सड़क सञ्चालन के मानकों और नियमों के पालन से के बारे में जागरूकता लाना है ।
मुख्य अतिथि श्री दीपक कुमार शर्मा , आई ई एस , पूर्व अपर महानिदेशक , सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार , नई दिल्ली,ने अपने उदबोधन में कहा कि आज भारत की सडकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिलती है तो उन्हें इस बात पर गर्व होता है कि उन्हें इस मंत्रालय के अधीन कार्य करने का सुअवसर मिला । उन्होंने अपने प्रस्तुतीकरण में सड़क निर्माण में विनिर्देशों और मानको के पालन पर जोर दिया ।
श्री शर्मा ने बताया कि वर्तमान में सड़क कि योजना बनाने और निर्माण करने में विनिर्देश (मोर्त ) के पांचवे संस्करण का पालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मानको के पालन नहीं किये जाने से दुर्घटनाओं में वृद्धि होती है तथा ख़राब सवारी गुणवत्ता की वजह से वाहनों के रखरखाव खर्च में भी बढ़ोतरी होती है ।श्री शर्मा ने कहा कि जब वाहन पुल के एप्रोच और मध्य के जोड़ में पहुंचता है तो उसे झटका लगता है जिसकी वजह मानको का पालन नहीं करना है । श्री शर्मा ने कहा कि किसी भी सड़क निर्माण की योजना बनाते समय स्थानीय इलाके की परिस्थिति का ध्यान रखना बहुत आवश्यक है । उन्होंने केरला के राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक ६६ में हुई घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि मानकों के पालन के साथ साथ स्थानीय मिटटी और उसके बहाव का भी ध्यान रखना बहुत आवश्यक है । श्री शर्मा ने कहा कि सडक निर्माण और उसके रखरखाव हेतु युवा पीढ़ी के अभियंताओं को उचित प्रशिक्षण और मार्गदर्शन दिए जाने की आवशयकता पर बल दिया ।श्री शर्मा ने उत्तराखंड और पूर्वोत्तर राज्यों के पहाड़ी इलाकों में कठिन परिस्थितियों में सड़क निर्माण के अपने अनुभवों को भी साझा किया ।
अतिविशिष्ट अतिथि श्री डी के प्रधान, पूर्व प्रमुख अभियंता, छत्तीसगढ़ शासन, रायपुर ने अपने उद्बोधन में बताया कि भारत के सड़क निर्माण के विनिर्देश अनेक मामलों में अमेरिका के सड़क सड़क निर्माण के विनिर्देश से बेहतर हैं । उन्होंने कहा कि चूँकि अमेरिका में सड़क निर्माण के विनिर्देशों का पालन अक्षरश होता है इस लिए उनकी सड़कें हमसे बेहतर हैं ।श्री प्रधान ने कहा कि हमारे सड़क निर्माण के मानक बहुत व्यापक हैं और उनमे निहित जानकारी बहुत विस्तृत है ।
उन्होंने कहा कि सड़क की मोटाई उसपर चलने वाले वाहनों के प्रकार और उनके घनत्व पर निर्भर करती है ।श्री प्रधान ने कहा कि सड़क निर्माण में प्रयोग की जा रही सामग्री और निर्माण के दौरान उसकी जांच प्रयोगशाला में होते रहना चाहिए । उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों के निर्माण में भी विनिर्देशों को मोर्त के अनुसार किये जाने की जरुरत है। श्री प्रधान ने कहा कि सड़क निर्माण को उसके उपयोग करता कि जरूरतों के अनुसार होना चाहिए ।उन्होंने कहा कि सड़क का उपयोग साइकिल चालक , रिक्शा चालक से लेकर बैल गाडी वाले भी करते हैं अत: सभी का ध्यान रखना चाहिए ।
द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई केंद्र के चेयरमैन श्री पुनीत चौबे ने बताया कि भारत का सडक नेटवर्क पुरे विश्व में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है । उन्होंने कहा इस सफलता का श्रेय सरकार के साथ साथ देश में सड़क निर्माण की योजना बनाने से क्रियान्वयन में लगे सभी अभियंताओं को जाता है । श्री चौबे ने प्रति वर्ष लगभग दस लाख लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं में हो जाती है जो बहुत चिंताजनक है । उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में लगे सभी घटकों को सड़क विनिर्देशों और मानकों का पालन अनिवार्य रूप से करना चाहिए ।
कार्यक्रम में श्री प्रदीप गुप्ता , कार्यपालन अभियंता , पी डब्लू डी , सेल के पूर्व कार्यपालक निर्देशक श्री एस के शर्मा , श्री पी के तिवारी, श्री बी पी यादव पूर्व अध्यक्ष , श्री ए पी मिश्र पूर्व मानसेवी सचिव द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) भिलाई शाखा, राज्य शासन, भिलाई इस्पात संयंत्र, सेट/सेल भिलाई , सेल रिफ्रैक्टरी यूनिट , ए सी सी के अधिकारी , इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) की भिलाई शाखा के सदस्य और भिलाई दुर्ग के विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र छात्रा उपस्थित थे।