यह नेता अपने नाम के आगे नहीं लिख सकेगा पूर्व विधायक

1 min read
Share this

*फर्जी प्रमाण  पत्रों के आधार पर बने थे प्रमाण पत्र,पेंशन सभी सरकारी लाभ वापस लेने का सूको का आदेश

भोपाल।गुना के पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह सलूजा को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पेंशन और अन्य सरकारी लाभ वापस लेने का आदेश दिया है।साथ ही अब वह खुद को ‘पूर्व विधायक’ भी नहीं लिख सकेंगे। यह कार्रवाई उनके फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में हुई है, जिसमें कोर्ट ने उन्हें किसी भी प्रकार की पेंशन के लिए अयोग्य ठहरा दिया है। फैसला 18 मार्च को आया।
उल्लेखनीय है कि गुना विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है। वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में राजें्र सिंह सलूजा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। भाजपा प्रत्याशी का नामांकन खारिज होने के बाद उन्हें भाजपा का समर्थन मिल गया। उन्होंने सांसी समुदाय का जाति प्रमाण पत्र लगाकर आरक्षण का लाभ लिया था और बने थे विधायक।
कोर्ट में चली लंबी कानूनी लड़ाई जाति प्रमाण पत्र रद्द होने के बाद राजेंद्र सिंह सलूजा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन यह 2012 में खारिज कर र्द गई। इसके बाद रिव्यू पिटीशन भी 201 में खारिज हो गई। हालांकि, वह पहले ही साल का कार्यकाल पूरा कर चुके थे।
वर्ष 2016 में पार्षद वंदना मांडरे ने हाई ” कोर्ट में जनहित याचिका दायर की, जिसमें मांग की गई कि चूंकि सलूजा फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर विधायक बने थे, इसलिए उन्हें पेंशन और अन्य लाभ नहीं मिलने चाहिए।
हालांकि, हाई कोर्ट ने इस याचिका को जनहित याचिका मानने से इनकार कर दिया और इसे द्वेषपूर्ण बताते हुए 4 अप्रैल 2017 को खारिज कर दिया था।