June 23, 2025

मध्यप्रदेश में अगले 5 सालों में नये आईआईटी केंद्र खुलेंगे,400 एमबीबीएस की सीटें बढेंगी

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भोपाल। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आज मध्यप्रदेश का वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। इस बार के बजट की विशेष बात यह है कि इसमें कोई भी नया टैक्स नहीं लगाया गया है। बजट में इस बार छात्रों के लिए खास सौगात है। राज्य में अगले 5 सालों में नए आईआईटी बनवाये जायेंगे जिससे टेक्निकल क्षेत्र में राज्य को अच्छी बढ़त मिलेगी। इसी के साथ राज्य में एमबीबीएस की 400 सीटें बढ़ाने की घोषणा की।

प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने घोषणा की है कि राज्य में 39 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे, जिससे 3 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। सरकार का लक्ष्य औद्योगिक विकास को गति देना और युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करना है। इसके अलावा, विशेष पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए सरकार ने अब तक 53,000 से अधिक आवासों का निर्माण पूरा कर लिया है, जिससे हजारों परिवारों को सुरक्षित और स्थायी आवास उपलब्ध हो सकेगा. सरकार की यह पहल सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने और वंचित वर्गों के जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार नए आयाम स्थापित कर रही है। प्रदेश में 22 नए छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा, जिससे दूर-दराज के इलाकों से आने वाले विद्यार्थियों को बेहतर रहने और पढ़ाई की सुविधाएं मिलेंगी. यह निर्णय विशेष रूप से ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा।

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने घोषणा की है कि प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एमबीबीएस की 400 नई सीटें बढ़ाई जाएंगी, जिससे अधिक विद्यार्थियों को डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा और स्वास्थ्य सेवाओं को भी मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही, प्रदेश में 11 नए आयुर्वेदिक कॉलेज स्थापित किए जाएंगे, जिससे पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा और आयुर्वेदिक शिक्षा के क्षेत्र में नई संभावनाएं विकसित होंगी. पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सभी शासकीय वाहनों को 15 वर्ष की आयु पूर्ण होने के बाद रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फेसिलिटी (RVSF) के माध्यम से अनिवार्य रूप से स्क्रैप कराने का निर्णय लिया है. यह पहल प्रदूषण को कम करने और हरित परिवहन नीति को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी.