बलूच लिबरेशन आर्मी ने जाफर एक्सप्रेस को किया हाईजैक
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इस्लामाबद (पाकिस्तान)। पाकिस्तान की जेल में बंद बलूच कैदियों की रिहाई की मांग को लेकर बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया और 214 पाकिस्तानी नागरिक को बंधक बना लिया है।
एजेंसी से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में अलगाववादी विद्रोही संगठन बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने यात्रियों से भरी जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया है। 18 घंटे से ज्यादा बीत जाने के बाद भी पाकिस्तानी सेना ट्रेन में सवार लोगों को बीएलए के कब्जे से छुड़ाने में नाकाम रही है। पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार, क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस ट्रेन में 400 से ज्यादा यात्री सवार थे। ट्रेन बलूचिस्तान के इलाके में एक टनल में घुसी, तभी बलूच विद्रोहियों ने उस पर हमला बोल दिया और ट्रेन को कब्जे में ले लिया। बलूच सशस्त्र विद्रोहियों के कब्जे में अभी 214 बंधक बताए जा रहे हैं।
बंधकों में सेना के जवान, अर्धसैनिक बल, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल हैं. बीएलए ने दावा किया है कि पाकिस्तान के 30 से ज्यादा सैनिकों को मारा जा चुका है. अब बीएलए ने पाकिस्तान की जेल में बंद बलूच कैदियों की रिहाई के लिए शहबाज शरीफ सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. हालांकि, इस घटनाक्रम पर अभी तक पाकिस्तानी सेना-पुलिस ने आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
ट्रेन हाईजैक की घटना के बाद पाकिस्तान आर्मी ने बंधकों को छुड़ाने के लिए अभियान शुरू किया। रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने 104 बंधकों को चरमपंथियों के कब्जे से छुड़ाया है। इसमें सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि छुड़ाए गए बंधकों में 58 पुरुष, 31 महिलाएं और 15 बच्चे हैं। इसमें 16 बलूच चरमपंथियों के भी मारे जाने का दावा किया गया है। इस पूरे मामले पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि दुर्गम इलाका होने के बावजूद हमारे सैनिक बड़ी बहादुरी से बंधकों को छुड़ाने में लगे हैं।
बलूच लिबरेशन आर्मी लंबे समय से सीधी मांगे करते आ रही है कि बलूचिस्तान जिस ये अलग प्रांत, अगल देश मानते हैं. उनकी एक अलग सरकार वह चलती है. बलूचों को पहली और सबसे बड़ी मांग ये है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान की किसी भी एजेंसी या सुरक्षा एजेंसी का कोई भी नुमाइंदे वहां नहीं होने चाहिए। इसके अलावा बलूचों का मानना है कि चीन के साथ CPEC प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इन प्रोजेक्टों से उनके खनिजों का दोहन हो रहा है।इन प्रोजेक्ट्स की वजह से बड़ी संख्या में समुदाय के लोग विस्थापित हुए हैं।
इसके बाद से बलूच लोग इन प्रोजेक्ट के यहां से हटाने की लगातार कई सालों से मांग कर रहे हैं। बीएलए द्वारा पाकिस्तान पर ये कोई नया हमला नहीं है, बीएलए पिछले कई सालों से पाकिस्तान पर ऐसे हमले करता रहा है। कभी चीन के इंजीनियर को निशाना बनाया तो कभी पाकिस्तान के राजनयिकों को निशाना बनाते है।