आयकर में मध्यमवर्गीय तबके को मिली राहत 12 लाख तक आयकर में छूट

1 min read
Share this

*प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना शुरू करने की घोषणा*

*‘ग्रामीण समृद्धि व लचीला निर्माण’ नामक एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा*

नई दिल्ली।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करते हुए आम जनता को बड़ी खुशखबरी दी है। मध्यम वर्गीय तबके को बड़ी राहत देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वालों के लिए आयकर छूट बढ़ाने की घोषणा की। बजट में वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना शुरू करने का ऐलान किया। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को मदद मिलने की संभावना है। इसके अलावा बजट में ‘ग्रामीण समृद्धि व लचीला निर्माण’ नामक एक व्यापक बहु-क्षेत्रीय कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की गई।

इसका मतलब यह है कि जो लोग प्रति वर्ष 12 लाख रुपये से कम कमाते हैं, उन्हें कोई कर नहीं देना होगा। बजट भाषण देते हुए सीतारमण ने कहा, “मध्यम वर्ग अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है। उनके योगदान को मान्यता देते हुए हमने समय-समय पर कर का बोझ कम किया है। मुझे अब यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर नहीं लगेगा।” निर्मला सीतारमण ने संशोधित आयकर स्लैब का विवरण भी बताया।

उन्होंने कहा, “मैं कर दर संरचनाओं को निम्नानुसार संशोधित करने का प्रस्ताव करती हूं: 0 से ₹4 लाख – शून्य, ₹4 लाख से ₹8 लाख – 5%, ₹8 लाख से ₹12 लाख – 10%, ₹12 लाख से ₹16 लाख – 15%, ₹16 लाख से ₹20 लाख – 20%, ₹20 लाख से ₹24 लाख – 25% और ₹24 लाख से अधिक – 30%। पूंजीगत लाभ जैसी विशेष दर आय के अलावा ₹12 लाख तक की सामान्य आय वाले करदाताओं को, स्लैब दर में कमी के कारण लाभ के अलावा एक कर छूट इस तरह से प्रदान की जा रही है कि उनके द्वारा कोई कर देय नहीं है।”

तुअर, उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान देने के लिए छह वर्ष के लिए ‘दलहनों में आत्मनिर्भरता मिशन’ शुरू होगा।

केंद्रीय एजेंसियां नेफेड और एनसीसीएफ अगले चार वर्षों के दौरान किसानों से ये दालें खरीदेगी।

सब्जियों और फलों के लिए व्यापक कार्यक्रम उत्पादन, प्रभावी आपूर्तियों, प्रसंस्करण और किसानों के लिए लाभकारी मूल्य को बढ़ावा देने के लिए राज्यों की भागीदारी से एक व्यापक कार्यक्रम आरंभ किया जाएगा।

बिहार में मखाना बोर्ड स्थापित किया जाएगा।

राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन शुरू किया जाएगा किया जाएगा जिसका उद्देश्य अनुसंधान परिवेश को मजबूत करना, लक्षित विकास और उच्च पैदावार वाले बीजों का प्रसार करना और बीजों की 100 से अधिक किस्मों को वाणिज्यिक स्तर पर उपलब्ध कराना होगा।

कपास की खेती की उत्पादकता और निरंतरता में पर्याप्त सुधार लाने के लिए पांच वर्षीय मिशन की घोषणा।

किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख करने का प्रस्ताव।

विकास के दूसरे इंजन के रूप में एमएसएमई के वर्गीकरण मानदंड में संशोधन।

सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाकर क्रमशः 2.5 और दो गुना कर दी जाएगी।

सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड उद्यम मंच पर पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए पहले वर्ष में पांच लाख रुपये तक की सीमा वाले 10 लाख कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे।

स्टार्टअप के लिए निधियों का कोष: विस्तारित कार्यक्षेत्र और 10,000 करोड़ रुपये के नए अंशदान के साथ निधियों के कोष (फंड्स ऑफ फंड) की स्थापना की जाएगी।

पहली बार व्यापार करने वाली पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की उद्यमियों के लिए अगले पांच वर्षों के दौरान दो करोड़ रुपये तक का सावधि ऋण उपलब्‍ध कराने की एक नई योजना की घोषणा।

जूता-चप्पल व चमड़ा क्षेत्रों के लिए योजना लाने की घोषणा।

भारत को ‘वैश्विक खिलौना केंद्र’ बनाते हुए उच्च गुणवत्ता वाले अनूठे नवीन और पर्यावरण के अनुकूल खिलौने बनाने की योजना।

बिहार में राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमशीलता व प्रबंधन संस्थान की स्थापना की जाएगी।

‘मेक इन इंडिया’ को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लघु, मझोले और बड़े उद्योगों को शामिल करते हुए राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन की स्थापना की जाएगी।