खेलों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल कोष का निर्माण जरूरी
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*”2025-26 के केंद्रीय बजट में 2036 में ओलंपिक खेलों के लिए नया प्रावधान किया जाए”
*जसवंत क्लॉडियस वरीष्ठ खेल पत्रकार*
स्वतंत्रता के पश्चात हमारे देश के खिलाडिय़ों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए गए प्रदर्शन की तुलना की जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि हमारे खिलाडिय़ों का प्रदर्शन विश्व स्तर पर अन्य देशों के प्रतिभागियों के सामने कमजोर होता है। इस बात की ओर केंद्र सरकारों ने तत्कालीन परिस्थिति के अनुसार विचार विमर्श करके खेलकूद को भारत में लोकप्रिय बनाने हेतु कदम उठाये। खेलों को देश के गांव-गांव तक पहुंचाकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार करने के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता धन की होती है। जब हमारे देश में जनसंख्या विस्फोट के कारण रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य सबसे बड़ी समस्या बनकर खड़ी है तो खेलकूद के लिए धनराशि प्राप्त करना एक कठिन कार्य है। फिर भी समय की मांग के अनुसार खिलाडिय़ों के खोज, प्रशिक्षण, उनके आवास, खान-पान, शिक्षा आदि के लिए केंद्र, राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों, औद्योगिक घरानों द्वारा आर्थिक मदद की जा रही है। खिलाडिय़ों को मुकाबले के लिए तैयार करने वास्ते अपने-अपने ढंग के खेल अकादमी बनाये जा रहे हैं। इस दिशा में विशेषकर 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत का नाम विश्व में स्थापित करने के लिए जिस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं वह उल्लेखनीय है। पूरे देश में प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को खोज करके उनको प्रशिक्षित करना कोई साधारण कार्य नहीं है लेकिन प्रधानमंत्री ने इस प्रक्रिया को बजट में धन उपलब्ध कराके आसानी से पूर्ण कर दिया है। अब जबकि हमारे देश में 2036 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों के आयोजन कराने की कोशिश की जा रही है तो उसके लिए बड़ी धनराशि जमा करने के लिए वर्तमान 2025-26 के बजट से ही प्रावधान किए जाने की आवश्कयता है।हमारे देश में ऐसे बहुत से लोग हैं जो जीवन में खेलकूद के महत्व को समझते हैं तथा उसको बढ़ावा देने के लिए कुछ राशि देना चाहते हैं पंरतु हमारे देश में फिलहाल ऐसी कोई व्यवस्था नहीं कि ‘खेल कोषÓ का निर्माण करके उस भेंट या दान को जमा किया जाए। ऐसे दान देने वाले व्यक्ति, परिवार या संस्था को बजट में टैक्स से छूट देने का प्रावधान करना होगा। वर्तमान वित्त मंत्री को इस दिशा में ठेास निर्णय लेना होगा। 2036 के ओलंपिक खेलों के आयोजन के स्थल का चयन इसी वर्ष 2025 में हो जाने की संभावना है। प्रधानमंत्री के कार्यप्रणाली से स्पष्ट है कि विश्व के अन्य देश भारत में 2036 के ओलंपिक खेलों के आयोजन में विशेष बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे। भारत के बहुत से अर्थशास्त्रियों व नीति निर्माता भले ही इस बात से सहमत नहीं होंगे कि 2036 के ओलंपिक खेल के सफल आयोजन के लिए संभावित एक सौ अरब रुपये संग्रह नहीं हो पायेगा लेकिन ऐसा नहीं है। अभी 11 वर्ष का समय हमारे पास बाकी है। इस अवधि में बड़ी धनराशि एकत्र की जा सकती है। हमारे देश के विभिन्न स्रोत से प्राप्त होने वाले टैक्स से आयकर से छूट देने की नीति अभी से बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा निर्माण करने वाली संस्थाओं को विशेष छूट देकर अतिरिक्त टैक्स इक_ा किया जा सकता है। आम आदमी को लगने वाले आयकर में अतिरिक्त टैक्स वसूलने की नीति लागू किए बगैर भारत में ओलंपिक खेलों का आयोजन संभव है। इस तरह के आयोजन के सफल आयोजन पर शंका जाहिर करने वालों को यह बताना आवश्यक है कि अब ओलंपिक आयोजन में कांक्रीट निर्माण की जरूरत नहीं है और कम खर्च में पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए अधोसंरचना का निर्माण किया जा सकता है।