November 29, 2024

प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती प्रो. राम शर्मा

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रायपुर। महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय गांधी चौक एवम दिशा कॉलेज रायपुर के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के सँयुक्त तत्वाधान में आयोजित युवाओं की मन: स्थिति और शिक्षकों की भूमिका पर एक संगोष्ठी का आयोजन हुआ इस संगोष्ठी में प्रमुख वक्ता के तौर पर आईपीएस अकैडमी इंदौर के डायरेक्टर प्रोफेसर राम शर्मा शामिल हुए वहीं आयोजन में दिशा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अनिल तिवारी एवं महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी की विशेष उपस्थिति रही आयोजन में उन्होंने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में सभी लोगों को यह प्रयास करनी चाहिए की प्राम्भ से ही समाधान की तरफ बढ़े और सफलता का हिस्सा बन सके क्योंकि वास्तविकता, झूठ पर भारी होती है।

उनका कहना था कि यह संसार ऐसे गुरुओं से भरा पड़ा है जिनसे प्रेरणा लेकर युवाए प्रेरित हो सकते है राम शर्मा ने कहा कि प्रेम, पैसा और भोजन का अपना महत्व है और तीनों एक दूसरे के पूरक है। उन्होने चाणक्य नीति के सूत्रों को भी बखूबी व्याख्यान में प्रस्तुत किया और धर्म और कर्म के यथार्थ को चित्रित करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने क्रिकेटर यशस्वी जयसवाल, ऋषभ पंत, धावक हुसैन बोल्ट फुटबॉल खिलाड़ी, जेनेदिक जिदान, गौतम ऋषि, दंतेवाड़ा जिला दंडाधिकारी जयंत नाहटा, भिलाई के राजेश पटेल के संघर्षों की कहानी को व्यख्या की और बताया कि किस तरह से उपरोक्त सभी दिग्गज लक्ष्य के प्रति केंद्रित रहे हैं और सफलता हासिल की है इसीलिए यह कहना गलत नहीं है की प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती उन्होंने कहा की वैल्यू से चिपका हुआ युवा ही असल युवा है। हर सफलता पर एक विचार मौजूद होता है जिसे आत्मसात करना चाहिए क्योंकि संघर्ष से ही निखरने की प्रक्रिया आरंभ होती है तप कर ही सोना बना जा सकता है। शिक्षको पर केंद्रित करते हुए प्रोफेसर राम शर्मा ने कहा शिक्षक मर्यादित भूमिका में रहे तो बेहतर होगा जजमेंटल होना जरूरी नहीं है। शिक्षक विद्यार्थियों को संस्कारों से बांधे रखें तो आने वाला समय सुखद और उज्जवल होगा जो युवा धैर्य नहीं छोड़ता है, वे अपनी जड़ से जमे हुए रहता है एवम सफलता को प्राप्त करता है आयोजन में दिशा महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अनिल तिवारी ने भी उद्बोधन रखें और स्मार्ट की व्याख्या की। बिना विचार के आगे बढ़ाना कठिन होता है विद्यार्थी को श्रावक होना चाहिए श्रोता नहीं होना चाहिए तभी लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी ने भी आयोजन के उद्देश्यों को स्पष्ट किया और विषय पर बातचीत रखी और कहा कि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास तभी सम्भव है जब वे अध्ययन के अतिरिक्त अन्य सभी पाठ्येत्तर कार्यक्रमो में हिस्सा ले कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन प्रो प्रीतम दास ने किया और मंच संचालन डॉ जया चंद्रा की ओर से किए गए । महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण एवम भारी संख्या में छात्र छात्राओं की उपस्थिति रही।