रोहताड़ के ग्रामीणों को मिल रहा शुद्ध पानी, जीवन में आई खुशहाली
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नारायणपुर। जिले के छोटे से गांव रोहताड़ कई सालों से पानी की भारी समस्या से जूझ रहा था। यहां पानी की कमी और दूषित जल ने ग्रामीणों के स्वास्थ्य और जीवन स्तर पर गंभीर असर डाला था। महिलाओं को रोज़ घंटों पैदल चलकर पानी लाना पड़ता था और अक्सर पानी की गुणवत्ता खराब होने के कारण परिवार में बीमारियां भी बढ़ती रहती थीं, जिससे ग्रामीण परेशान थे और उन्हें इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं दिख रहा था। 2019 में सरकार द्वारा शुरू किए गए जल जीवन मिशन ने रोहताड़ के ग्रामीणों को एक नई उम्मीद दी। जल जीवन मिशन के तहत् हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया और रोहताड़ भी इस योजना का हिस्सा बना। स्थानीय अधिकारियों और जल जीवन मिशन की टीम ने गांव के जलस्रोतों का निरीक्षण किया और एक विस्तृत योजना बनाई। इस योजना के तहत् 10 हजार लीटर क्षमता वाली 3 सोलर टंकियों का निर्माण किया गया जो सौर ऊर्जा से चलती हैं। इन टंकियों में दूर-दूर से पानी लाकर उसे शुद्ध किया जाता है और फिर इसे पूरे गांव में पाइपलाइनों के जरिए घर-घर तक पहुंचाया जाता है। इसके लिए 2 हजार 900 मीटर पाइपलाइन बिछाया गया है, जिससे अब हर घर को शुद्ध पेयजल मिल रहा है।
अब बच्चों की पढ़ाई में भी सुधार आया है क्योंकि अब उन्हें पानी लाने के काम में हाथ नहीं बटाना पड़ता। रोहताड़ के लोगों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा था। गांव के बुजुर्ग महिलाओं ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में कभी सोचा नहीं था कि एक दिन ऐसा आएगा जब उनके घर में ही नल से पानी मिलेगा। गांव के मुखिया ने जल जीवन मिशन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह मिशन वास्तव में ग्रामीण जीवन के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। साफ पानी मिलने से गांव में बीमारियों में कमी आई है और लोगों की सेहत में सुधार हुआ है। पहले जहां दूषित पानी के कारण पेट की समस्याएं और जल जनित बीमारियां आम थीं, अब लोग स्वस्थ महसूस कर रहे हैं। यह बदलाव न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक रूप से भी गांव वासियों के लिए सुखदायक है। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सभी अब स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी रहे हैं। रोहताड़ गांव की यह कहानी जल जीवन मिशन की सफलता की गवाही देती है। यह मिशन केवल पानी उपलब्ध कराने का नहीं बल्कि ग्रामीणों को स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का अनुभव कराने का भी माध्यम बना है। रोहताड़ के हर घर में अब शुद्ध पेयजल उपलब्ध है और ग्रामीण महिलाओं के चेहरों पर संतोष और खुशी की मुस्कान है।