महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला : स्वामी आनंद चैतन्य
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*विश्व में भारत की पहचान संस्कृत एवं संस्कृति से है*
राजनंदगांव। विश्व में भारत की पहचान संस्कृत और यहां की संस्कृति से है दीपावली का त्यौहार हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है। भारत की गंगा जमुना सरस्वती एवं अनेक नदियां हमारी संस्कृति की पहचान है। जहां बारहों महीने हिंदू धर्म के उपासक डुबकी लगाने के लिए लालायित रहते हैं। पुराणों एवं धार्मिक ग्रंथो के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश निकलने पर देव और दानव में उसे प्राप्त करने के लिए होड़ लगी, आपस की छीना झपटी से अमृत कलश से कुछ बंदे प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में गिरी उसी के साथ हरिद्वार उज्जैन और नासिक में भी गंगा क्षिप्रा एवं नर्मदा नदी में छलकी जिससे वहां अमृत बुंदे गिरी और तब से इन चारों तीर्थ स्थलों में प्रत्येक 12 वर्ष में महाकुंभ का महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। भारत का यह महाकुंभ विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला है।जिसमें पूरे विश्व से करोड़ों सनातन धर्मावलंबी सम्मिलित होते हैं। आगामी वर्ष 2025 में प्रयागराज तीर्थ में यह आध्यात्मिक मेला महाकुंभ का आयोजन संपन्न होने जा रहा है जिसमें लगभग 40 करोड़ सनातनीयो के पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। महाकुंभ में हिंदू संस्कृति का आध्यात्मिक दर्शन होता है, सैकड़ो -हजारों पंडालों में प्रतिदिन श्री मद भागवत कथा, श्रीराम कथा, श्री शिव महापुराण कथा के साथ ही धार्मिक प्रवचन, यज्ञ, अनुष्ठान हुआ करते है, जगह -जगह भंडारे आयोजित होते है, तीर्थयात्री महाकुंभ के दौरान तीर्थ क्षेत्र में त्रिवेणी संगम में स्नान कर पुण्य फल प्राप्त करते हैं, ऐसे महाकुंभ में हजारों संत, महात्मा, अमलातमाओ का आगमन होता है जो वर्षों से गिरि कंदराओं में तपस्या करते हुए साधना में लीन रहते हैं एवं केवल कंद मूल फल खाकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं। ऐसे संत, नागा संत, साधु महात्माओं का आगमन महाकुंभ में हुआ करता है, जिनके दर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त कर तीर्थयात्री अपने जीवन को कृतार्थ करते हैं। उक्त उदगार आज यहां श्री सत्यनारायण धर्मशाला में गुरुदेव भक्त मंडल द्वारा आयोजित प्रयागराज महाकुंभ निमित्त आयोजित दीपावली मिलन एवं सत्संग समारोह के दौरान हरिद्वार के सुप्रसिद्ध आनंद कृष्ण धाम के परमाध्यक्ष श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी आनंद चैतन्य सरस्वती जी ने भक्तों की उपस्थिति में व्यक्त किया।
गुरुदेव भक्त मंडल के अशोक लोहिया, गजानन शर्मा, लक्ष्मण लोहिया बाबूलाल अग्रवाल एवं कल्याण साहू द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी आनंद चैतन्य सरस्वती जी का आगमन प्रयागराज में आयोजित आगामी महाकुंभ के अवसर पर होने वाले शाही स्नान एवं समष्टि भंडारा में आधिकारिक भक्तों की उपस्थिति के लिए निमंत्रण देने हुआ है। श्री सत्यनारायण धर्मशाला में आयोजित सत्संग के दौरान पूज्य स्वामी जी ने कहा कि मकर संक्रांति 14 जनवरी, मौनी अमावस्या 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी 3 फरवरी को प्रयागराज महाकुंभ में शाही स्नान होगा। इसके अलावा अन्य अनेक पर्वों पर भी महत्वपूर्ण स्नान होंगे। साथ ही 22 जनवरी को विशाल समष्टि भंडारा का बहुत बड़ा आयोजन महाकुंभ के दौरान आयोजित है, इस समष्टि भंडारा में हजारों की संख्या में संत, महात्मा, महंत, महामंडलेश्वर इत्यादि प्रसादी प्राप्त करेंगे, प्रसादी पश्चात सभी को उनके पद अनुसार भेंट दक्षिणा प्रदान की जाएगी। 22 जनवरी को आयोजित समिष्ठी भंडारा में लगभग 7000 से अधिक संत महात्माओं के प्रसादी प्राप्त करने का अनुमान है। समष्टि भंडारा में शामिल होने वाले सभी साधु, संत, महात्मा, महंत, महामंडलेश्वर को पंगत में बैठाकर प्रसादी परोसी जाती है अतः अधिकाधिक शिष्य, भक्त ऐसे सुअवसर पर उपस्थित होकर प्रसादी वितरण व्यवस्था में सहयोग कर एवं दक्षिणा भेंट कर संत महात्मा महंत महामंडलेश्वर का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। पूज्य गुरुदेव भगवान के इस सारगर्भित उद्बोधन के पश्चात संस्कारधानी नगरी के 20 से अधिक भक्तों ने प्रयागराज महाकुंभ में शामिल होकर समष्टि भंडारा में शामिल होने की घोषणा की। कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मण लोहिया ने किया।