December 12, 2024

ईपीएफओ रायपुर ने शुरू किया विशेष वसूली अभियान, लोक निर्माण विभाग से 27 करोड़ की वसूली

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रायपुर। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय के निर्देशानुसार, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर ने नवंबर 2024 से मार्च 2025 तक चूककर्ता बकायादारों संस्था नों के विरूद्ध विशेष वसूली अभियान शुरू किया है। भविष्य निधि राशि के त्रुटिकर्ता बकायादा नियोक्ताओं में से लोक निर्माण विभाग से लगभग 27.25 करोड़ की महत्वपूर्ण वसूली की गई है। ज्ञातव्य है कि लोक निर्माण विभाग की कुल बकाया राशि लगभग 40.32 करोड़ थी, जिसमें से पहले ही 13.07 करोड़ की वसूली उसके बैंक खातों को अटैच कर की गई थी।
यह वसूली प्रयास श्री विनोद सिंह ककोडिय़ा, प्रवर्तन अधिकारी (रायपुर क्षेत्र) के नेतृत्व में किया गया, जिनका मार्गदर्शन श्री सुदर्शन एस. भालाधरे, निर्धारण/वसूली अधिकारी ने किया। उनके समर्पित प्रयासों और वसूली लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना विभाग प्रमुख, कर्मचारी भविष्यू निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय, रायपुर के प्रभारी श्री अभिषेक कुमार क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-। ने की।
वर्तमान में, कुल बकाया राशि 102.50 करोड़ है, जिसमें से 67.50 करोड़ की वसूली की जा चुकी है। वर्तमान मांग मुख्य रूप से उन अंशदानों से संबंधित है जो नियोक्ताओं द्वारा जमा नहीं किए गए थे, साथ ही देर से भुगतान पर लगाए गए ब्याज और क्षतिपूर्ति को भी शामिल करती है। वर्तमान में शेष 35 करोड़ राशि के वसूली कार्य के लिए श्री अभिषेक कुमार क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-1 प्रभारी क्षेत्रीय कार्यालय ने अपने अधिनस्थ वसूली अधिकारी एवं समस्त क्षेत्रीय प्रवर्तन अधिकारीयों को संस्थान, बैंक से करने का निर्देश दिया तथा जिन संस्थानों से वसूली नहीं होने पर उनके चल अचल सम्पति को बंधक करने का आदेश दिया है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय, रायपुर, अपने सदस्यों के लिए अनुपालन सुनिश्चित करने और बकाया राशि की वसूली के मिशन में, सभी अन्य बकायादारों की पहचान करने और वसूली प्रक्रिया को तेज करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। निकट भविष्य में, बकायादारों के खिलाफ संपत्ति जब्ती और बैंक खातों की फ्रीजिंग जैसी सख्त कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय, रायपुर के विभाग प्रमुख ने दोहराया कि शेष बकाया राशि की वसूली के लिए, कभनि और विविध उपबंध अधिनियम, 1952 के तहत आवश्यक सभी कदम उठाए जाएंगे।