November 3, 2024

दीनी-दुनियावी तालीम की कसौटी पर परखे गए छत्तीसगढ़ के मदरसों के छात्र

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भिलाई। मदरसा जामिया अरबिया पावर हाउस कैम्प-2 में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में दीनी तालीम हासिल कर रहे तलबा (छात्रों) के लिए शैक्षणिक स्तर की प्रतियोगिता ‘मुसाबक तालीमी मयार’ का दो दिवसीय आयोजन मंगलवार से शुरू हुआ। जिसमें अंबिकापुर,बिलासपुर, कटघोरा, रांका और भिलाई,दुर्ग सहित समूचे छत्तीसगढ़ से भागीदारी रही। प्रतियोगिता पवित्र कुरआन को सही उच्चारण के साथ पढ़ने और इससे मिलने वाली तालीम और दुनियावी जिंदगी से जुड़े सवालों पर थी।
आयोजन के बारे में मदरसे के मोहतमिम हाफ़िज़ कासिम बस्तवी ने बताया कि बच्चों में दीनी ओर दुनियावी तालीम बहुत ज़रूरी है, जिससे वे इंसानियत के पैगाम को आम करें ओर अपने अंदर भी इंसानियत पैदा करें। आयोजन में मुफ्ती दानिश अमरावती ओर इस्लामिक स्कॉलर हज़रत इफ्तिखार ने संबोधित करते हुए आवाम ओर तालीम हासिल कर रहे छात्रों को हज़रत मोहम्मद सल्लाहु अलैहिसल्लम वाली पाकीजा जिंदगी अपनाने के साथ अल्लाह के अहकाम पर चलते हुए मां बाप की इज्जत, पड़ोसियों का हक और रिश्तेदारो के हक को पहचान कर उसको पूरा करने की बात कही।
मुफ्ती मोहम्मद सालिम ने बताया कि मुसाबक का असल मकसद तालीमी बेदारी (शिक्षा के प्रति जागरूकता) लाना है। समय-समय पर ऐसी प्रतियोगिताएं होते रहनी चाहिए। मौलाना इनामुल हसन ने कहा कि तालीम,शिक्षा के जरिए बच्चों में अदब,समझ बूझ पैदा होती है जिससे वो अपने अच्छे-बुरे की पहचान रख पाता है।
पहले दिन की प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ स्तर पर मोहम्मद अबु जैद मदरसा जामिया अरबिया पावर हाउस कैंप 2 अव्वल, शम्स अतहर मदरसा तालीमुल कुरान रांका दूसरे और मोहम्मद सोहेल मदरसा उरूज उल इस्लाम कटघोरा तीसरे रहे। इसके अलावा भाग लेने वाले तमाम तालिबे इल्म को इनाम दिए गए। प्रतियोगिता में निजामत मौलाना जुनैद ने की।
निर्णायक मुफ्ती नजमुद्दीन व मुफ्ती दानिश और सवाल करने वाले कारी नेमतुल्लाह रांका थे। आखिर में मदरसे की ओर से शहर के बुजुर्ग सैयद जमीर ने मुल्क के अमन चैन खुशहाली की दुआ की। इस दौरान तमाम छात्रों को सादगी के साथ हजरत मोहम्मद सल्लाहो अलैहि वसल्लम वाली पाकीजा जिंदगी अपनाने और अल्लाह के अहकाम के साथ मानवता की सेवा करते हुए अच्छे मुकाम हासिल करने, बीमारों के सेहतमंद होने, समाज में आपसी मोहब्बत-भाईचारा कायम रखने की भी दुआएं की गई।
आयोजन में कारी नेमतुल्लाह रांका, कारी अब्दुल समद, मौलाना हाशिम दुर्ग, मुफ्ती सलीम सुभाष नगर दुर्ग, शहर काजी मुफ्ती सोहेल, मौलाना जुनैद, मौलाना मोहम्मद उमर बिलासपुर, मौलाना जफीर कटघोरा, मुफ्ती फखरुद्दीन रांका, मौलाना मंसूर आलम अंबिकापुर मौलाना फैसल, मौलाना नाजिम, मौलाना शकील,सदर मोहम्मद असलम ,नायब सदर इमामुद्दीन पटेल, सेक्रेटरी सैय्यद असलम, युसूफ सिद्दीकी, हाफ़िज़ महफूज, तमयुजुद्दीन पटेल,असलम,जफर कुरैशी, हाफ़िज़ मोहम्मद अहमद, निजामुद्दीन अंसारी, सोहेल, साहिल,अशरफ, उबैदुल्ला, मोहम्मद अकरम,सईद भाई, अब्दुल अलीम, मोबिन,अशरफ, अब्दुल समद, मोहम्मद आदिल अदनान,निसार, हाजी जमील, इजहार, फारुख , अब्दुल वहाब,सलीम और हाफ़िज़ शाकिब सहित बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे।