न्यायालयों में भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव किया जाएगा पारित – श्रीवास्तव
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जगदलपुर। कायस्थ समाज के पदाधिकारी समाज के सदस्यों से भगवान चित्रगुप्त के प्राकट्य उत्सव में सपरिवार शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। वहीं जगदलपुर के अलग-अलग सनातनी हिंदू समाज को भी विशेष रूप से इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है। कायस्थ समाज जगदलपुर के अध्यक्ष अर्जुन श्रीवास्तव ने बताया कि प्रतिवर्ष वैशाख शुक्ल, गंगा सप्तमी के दिन भगवान चित्रगुप्त के प्राकट्य उत्सव का कार्यक्रम समाज के द्वारा हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाता है। चूंकि भगवान चित्रगुप्त सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश हैं। अत: अंग्रेजी हुकूमत के समय से भारत के समस्त न्याय के मंदिर (न्यायालय) में स्थापित विदेशी (यूनानी) न्याय की देवी की प्रतिमा के स्थान पर भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव इस कार्यक्रम में पारित किया जाएगा।
कायस्थ समाज जगदलपुर के सचिव गजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 18 मई, शनिवार को भगवान चित्रगुप्त प्राकट्य उत्सव स्थानीय चित्रगुप्त मंदिर चित्रांश भवन, सिविल लाइन, लालबाग में संपन्न होगा जिसमें जगदलपुर तथा आस-पास के गांव में रहने वाले सभी कायस्थ समाज के सदस्य इसमें शामिल होंगे। जिसमें तय कार्यक्रम के अनुसार 18 मई की सुबह 8 बजे भगवान का अभिषेक, आरती के साथ शुरू होगा, इसके पश्चात दोपहर 2 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी दीपक श्रीवास्तव एवं राजीव निगम के नेतृत्व में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम संपन्न होंगे जिसमें बच्चों की रंगोली ,चित्रकला, नृत्य प्रतियोगिता होगी और महिलाओं की कुर्सी दौड़ और गायन प्रतियोगिता भी होगी।
संध्या 4 बजे पूजन, हवन संपन्न किया जायेगा। संध्या 5 बजे समाज के सभी सदस्य भगवान चित्रगुप्त की शोभा यात्रा चित्रांश भवन से निकालेंगे, जिसमें अन्य समाज के सनातनी हिंदू भाई-बहन भी सम्मिलित रहेंगे। यह शोभा यात्रा शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए वापस चित्रगुप्त मंदिर में पहुंचेगी जहां समस्त कायस्थ जन एक साथ मिलकर भगवान चित्रगुप्त की सामूहिक महाआरती करेंगे। सामूहिक महाआरती के बाद समाज के वयोवृद्ध सदस्यों को तथा विशेष उपलब्धि हासिल किए समाज के सदस्यों को कायस्थ रत्न व भगवत गीता की पुस्तक देकर सम्मानित किया जाएगा और विजेता प्रतिभागियों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।