क्या हार्दिक को भारतीय टीम का उपकप्तान बनाना सही निर्णय है !

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*संजय दुबे*
वेस्ट इंडीज और यूएसए के संयुक्त रूप से होने वाले टी 20 विश्व स्तरीय चैंपियनशिप का आयोजन 2024 के जून माह में होना है। भारतीय टीम की घोषणा भी हो गई है। आईपीएल आयोजन में खिलाड़ियों का प्रदर्शन ही मुख्य आधार माना गया है और भी कारण होंगे जिसे अजीत आगरकर और कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस में नहीं बताया है। ये जरूर बताया कि कुछ खिलाड़ियों का चयन नहीं हुआ है,तो कारण क्या है। एक प्रश्न जिसका जवाब सभी चाह रहे है वो है – हार्दिक पांड्या का चयन और तो और टीम का उपकप्तान भी बनाना।
भारतीय टीम में हार्दिक पंड्या के चयन का कारण उनका आल राउंडर होना केवल बताया गया है,।अगर वर्तमान आईपीएल प्रदर्शन को आधार माना गया है तो हार्दिक पांड्या ने 11मैच में 197 रन बनाने और केवल 6विकेट लिए है। कप्तान के रूप में केवल 3मैच जीते है और वर्तमान में सबसे अंतिम पायदान में खड़े है। प्ले ऑफ के अवसर खत्म हो चुके है। ऐसे प्रदर्शन के आधार पर तो प्रथम श्रेणी के मैच के लिए भी कोई आल राउंडर चयनित नहीं हो सकता, हार्दिक पांड्या कैसे चयनित हो गए?
चलिए अतीत की ओर चलते है।भारत के दो खिलाड़ी कपिल देव और सचिन तेंडुलकर का उदहारण लेते है और समझते है कि टीम में कुछ खिलाड़ियों को ढोने की रीत नई नही है।
सचिन तेंदुलकर ने अपने सौवें शतक के लिए और दो सौवे टेस्ट के लिए कितने पापड़ बेले ये याद करिए। उनके शतको का शतक बांग्ला देश के खिलाफ लगा। टेस्ट में वे 49वे शतक में ही अटके रहे। उनके 200वें टेस्ट में कुछ हो जाए करके सबसे कमजोर टीम वेस्ट इंडीज को बुलाया गया लेकिन टेस्ट में 50शतक नहीं लग से तो नहीं लगे। सचिन तेंडुलकर 18टेस्ट जबरन खेले केवल 200टेस्ट खेलने के लिए। अगर सचिन ऑस्ट्रेलिया की टीम से खेल रहे होते तो उनको चयन कर्ता दो साल पहले बाहर कर देते। यही हाल कपिल देव का था। उनको रिचर्ड हेडली के 432विकेट के रिकार्ड को तोड़ना था।उनको भी दस टेस्ट जबरन खिलाया गया। कपिल देव बल्लेबाजों का विकेट ही नहीं ले पा रहे थे थक हार कर गेंदबाजों के विकेट लेकर कपिल देव विश्व में सबसे अधिक विकेट 434 लेने वाले बने।
हार्दिक पांड्या का चयन मेरे हिसाब से कारपोरेट चयन है। 2021के विश्व कप आयोजन में हार्दिक पांड्या असफल रहे थे।2022में मुंबई इंडियन टीम ने हार्दिक पांड्या को रखा नही था। गुजरात टाइटन ने हार्दिक को लिया। पिछले दो सालो में आईपीएल के आयोजन में हार्दिक सफल कप्तान रहे। एक बार विजेता और दूसरे बार उप विजेता रहे। 33मैच में 833रन और11विकेट लिए। इस बात को लेकर मुंबई इंडियन ने दांव लगाकर हार्दिक को वापस लाए, रोहित शर्मा से कप्तानी वापस लिया। इस सबके पीछे कही न कही गुजरात और गुजराती कनेक्शन दिख रहा है।
नीलामी, किसी बहुमूल्य वस्तु को खरीदने की ही प्रक्रिया नही हैं बल्कि रईस लोगो की रईसी को भी प्रमाणित करने का तरीका होता है। आई पी एल में अनेक उदाहरण मिलेंगे जिसमे किसी अंजान खिलाड़ी के नाम पर दो टीम के मालिक अड़ जाते है और नतीजा ये निकलता है कि खिलाड़ी महंगा हो जाता है। एक पुराना वाक्या है एक धनी व्यक्ति ने एक कमजोर घोड़े को महंगे में खरीद लिया, सबको आश्चर्य हुआ लेकिन आंकलन ये किया गया कि खरीदा गया घोड़ा छुपा रुस्तम निकलेगा। ऐसा हुआ भी और कमजोर घोड़ा रेस में जीत गया। ये जीत इकलौती साबित हुई और भविष्य में कमजोर घोड़ा जीत न सका।