मुस्कुराने से अस्सी प्रतिशत से अधिक बीमारियों से बच जाते हैं – अदिति दीदी

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रायपुर। भारत में पहले कौशल उन्मुख विश्वविद्यालय के रूप में श्रेय प्राप्त एएएफटी जनसंचार एण्ड कला विश्वविद्यालय के छात्र व फैकल्टी मेम्बर्स के लिए कल शान्ति सरोवर रिट्रीट सेन्टर में तनाव प्रबन्धन कला विषय पर व्याख्यान रखा गया। राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी अदिति दीदी ने कहा कि तनाव को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका है कि हम मुस्कुराना सीखें। मुस्कुराते रहने से हम अस्सी प्रतिशत से अधिक बीमारियों से बच जाते हैं। इससे हमारे अन्दर का तनाव तो खत्म होता ही है साथ ही वायुमण्डल में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है। एक बच्चा सारे दिन में तीन सौ से अधिक बार मुस्कुराता है। उसी प्रकार आप भी पद और पोजीशन भूलकर बच्चा बन जाइए तो तनावमुक्त हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि तनाव से आत्मा रूपी बैटरी डिस्चार्ज होती है। घर में यदि कलह-क्लेष है इसका मतलब है कि बैटरी डिस्चार्ज है। मेडिटेशन के माध्यम से परमात्मा को याद करने से हमें परमात्म शक्ति मिलती है। उन्होंने बतलाया कि यदि लगातार इक्कीस दिनों तक खराब रिलेशन वाले व्यक्ति को पाजिटिव वायब्रेशन दिए जाएं तो उसके प्रभाव से खराब रिलेशन भी ठीक हो जाते हैं।
ंइस अवसर पर ब्रह्माकुमारी दीक्षा दीदी ने तनाव से बचने का तरीका बतलाते हुए कहा कि हम सभी आत्माएं एक पिता परमात्मा की सन्तान होने के कारण आपस में भाई-भाई हैं। जब यह ईश्वरीय ज्ञान हमें मिल जाता है और हम सामने वाले को जो है, जैसा है, वैसा ही स्वीकार कर लेते हैं तो इससे अस्सी प्रतिशत झगड़ा समाप्त हो जाता है। आत्मा एक सूक्ष्म शक्ति है। वह शरीर के द्वारा कर्म करती है। हम सारे दिन में जितने भी लोगों के सम्पर्क में आते हैं उनके साथ हमारा कार्मिक एकाउण्ट बनता जाता है। जो कि हमें अपने जीवन में चुकाकर बराबर करना होता है। इसलिए जीवन में जब भी कोई विपरीत परिस्थिति आए, दु:ख या संकट आए तो सदैव यह समझना चाहिए कि पिछले जन्म का हिसाब-किताब खत्म हो रहा है। इससे स्ट्रेस फ्री बने रहेंगे। कार्यक्रम में छात्रों के साथ डीन डॉ. साधना बागची, विभागाध्यक्ष डॉ. सोमनाथ साहू, डॉ. कमल उपाध्याय, डॉ. राकेश कुमार और कु. अकिशा मिश्रा आदि उपस्थित थे।