June 22, 2025

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष भाजपा की याचिका पर सुनवाई

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00 एक्सचेंज में बिजली खरीदकर जनता की जेब में जबरन डांका डाला जा रहा – जयंती
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी रायपुर शहर जिला छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष अपनी याचिका की सुनवाई हेतु आयोग कार्यालय सिंचाई कालोनी शांतिनगर पहुंचे जहां भाजपा ने अपना पक्ष रखा जिला भाजपा अध्यक्ष जयंती पटेल ने कहा की एक्सचेंज में बिजली खरीदने से जनता पर जबरन अधिभार का बोझ पड़ेगा जो बिजली आज 7 से 8 रुपए प्रति यूनिट मिल रही है वह एक्सचेंज के माध्यम से खरीदने पर 10 से 12 रुपए प्रति यूनिट मिलेगी और इससे स्पष्ट है की जनता को जबरन इस अपव्यय का बोझ उठाना पड़ेगा और हम जनता के ऊपर ऐसा बोझ नहीं पड़ने देना चाहते CSPDCL जबरन राजनीतिक लाभ पहुंचाने को आमादा है यह सब प्रदेश कांग्रेस सरकार की शह पर ही हो रहा कांग्रेस ने शुरू से जनता को लुटा है और यह बदस्तूर जारी है आज हमने हमारी याचिका क्रमांक 71 / 2023 के माध्यम से हमने निम्न सुझाव /आपत्ति दर्ज करवाई है जिसमे हमने आयोग के समक्ष विभिन्न 6 विषयों पर जन हितों हेतु भाजपा का पक्ष प्रस्तुत किया ।
1. आयोग के रेगुलेशन के अनुसार आपत्ति / सुझाव मँगवाये जाने हेतु कम से कम 21 दिन का समय दिया जाना चाहिए किन्तु वर्तमान याचिका में केवल 6 दिन का समय दिया गया है । आम लोगों एवं सामान्य उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी नहीं हो पाई है | उक्त याचिका में CSPDCL द्वारा urgent hearing के लिए कोई आवेदन भी नहीं लगाया गया है फिर भी माननीय आयोग द्वारा इतनी अर्जेंट में कार्यवाही क्यों कि गई ? आयोग से निवेदन है कि कृपया हमारी पार्टी की आपत्ति / सुझाव हेतु रेगुलेशन अनुसार कम से कम 21 दिन का समय दे ।
2. याचिका में जिन CPP से exchange के रेट में बिजली खरीदने की बात हो रही है वे CPP ही CSPDCL को शुन्य से 1.50 रूपये प्रतियूनिट के बीच के रेट पर वर्षों बिजली की आपूर्ति किये हैं और इन CPP मे से एक JSPL ने तो आयोग में 70 / 2022 याचिका भी दायर की थी कि आयोग CSPDCL को आदेशित करे, कि वह ABT रेगुलेशन के हिसाब से JSPL से शुन्य से 1.50 रूपये प्रति यूनिट के बीच के रेट पर बिजली खरीदने का agreement अनुबंध करे किन्तु आयोग द्वारा इतनी सस्ती बिजली को खरीदने हेतु CSPDCL को कोई समझाईश नहीं दी गयी। अब CSPDCL वही बिजली exchange के रेट पर खरीदने को आतुर है और आयोग द्वारा अनुमोदन देने हेतु आनन-फानन में कार्यवाही की जा रही है । जबकि आज कल पावर एक्सचेंज में बिजली रेट लगभग 5 से 8 रूपये प्रति यूनिट चल रहा है । जो कि वर्तमान में देश की परिस्थितियों के अनुसार 10 रूपये से 12 रूपये प्रति यूनिट बिजली दर बढ़ने की संभावना है | उक्त बिजली खरीदने में भारी भ्रष्टाचार एवं कमीशनखोरी कि संभावना है | अतः आवश्यक है कि CSPDC को एक्सचेंज से खरीदने कि अनुमति न देवें | यह सारा प्रकरण समझ से परे है ।
3. जबकि होना तो ये चाहिए कि CSPDCL को यही बिजली शुन्य से 1.50 रूपये प्रति यूनिट के बीच के रेट पर खरीद कर CSPDCL बोर्ड के द्वारा इसे बिजली एक्सचेंज बेचना चाहिए ताकि उपभोक्ताओं को बिजली बिल में राहत मिल सके । सारे प्रकरण को देखकर तो यही लगता है कि न ही CSPDCL को ना ही माननीय आयोग को उपभोक्ताओं की कोई चिंता है वरन आयोग सरकार की राजनैतिक महत्वाकांक्षा पूर्ण करने का मशीनरी बन कर रह गई है |
4. छत्तीसगढ़ की जनता पहले ही स्टील उद्योगों को दी जा रही 25% की छूट का भार झेल रही है और अब जनता पर इस तरह की बिजली खरीद कर और बोझ डालने की तैयारी की जा रही है। आखिर आयोग, छत्तीसगढ़ के power sector को कहाँ पंहुचाना चाहता है यदि आयोग का हाल ऐसा ही रहा तो वह दिन दूर नहीं कि छत्तीसगढ़ में प्राइवेट लाईसेंसी की एंट्री हो जाये|
5. जुलाई 2022 के बिजली बिल में CSPDCL द्वारा गलत तरीके से VCA के रूप में प्रदेश के सभी 60 लाख उपभोक्ताओं से लगभग 52 करोड़ रुकी अवैध वसूली की गई थी जिसकी स्वीकारोक्ति CSPDCL द्वारा आयोग के समक्ष की जा चुकी है। इसके उपरांत भी आयोग द्वारा उक्त राशि उपभोक्ताओं को लौटाने का निर्णय नहीं लेना विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 62 (6) का खुला उल्लंघन है जिससे सिद्ध होता है कि आयोग और CSPDCL का अवैध गठजोड़ है और उपभोक्ताओं के हितों की पूरी तरह अनदेखी हो रही है । आयोग, जिसका कार्य है कि विद्युत् अधिनियम, 2003 का पालन करवाए पर मौजूदा हालात में कुछ और हो रहा है ।
6. छत्तीसगढ़ राज्य में पहले ही बिजली की रेट आसमान छू रही है जबकि अभी आयोग द्वारा छोड़ा हुआ 2528 करोड़ के गैप की वसूली करना बाकी है । अगर CSPDCL और आयोग का यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब छत्तीसगढ़ राज्य में जल्द ही बिजली का रेट 8-9 रूपये प्रति यूनिट होगा ।