पदभार ग्रहण करते ही डीजे ने जेल का निरीक्षण कर खाद्यान्न पर जताई आपत्ति

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रायपुर। जिला एवं सत्र न्यायाधीश का पदभार ग्रहण करते ही माननीय न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी अचानक केन्द्रीय कारागार पहुंचे और उन्होने वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए खाद्य भंडारण का निरीक्षण करते हुए दाल की गुणवत्ता पर जताई आपत्ति केन्द्रीय जिला जेल डी.आई.जी. श्री एस.एस. तिरंगा को दिया निर्देश कि तत्काल प्रभाव से गुणवत्ता वाले अनाज एवं दालों को बंदियों को करे प्रदान ।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश माननीय अब्दुल जाहिद कुरैशी  ने रविवार को जिला जेल रायपुर के महिला तथा पुरुष प्रकोष्ठ का किया औचक निरीक्षण जिला जेल की साफ सफाई, बंदियों के मूलभूत सुविधाओं के अंतर्गत स्वास्थ, भोजन, तथा अन्य सुविधाओं का निरीक्षण किया और आपत्ति जताते हुए सुधार के लिये दिया निर्देश ।

विदित है कि माननीय छ०ग० उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेशानुसार न्यायाधीशगणों का वर्तमान में विभिन्न स्थानों पर स्थानान्तरण हुआ है, उसी तारतम्य में जिला रायपुर में जिला दंतेवाड़ा से माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी ने शुक्रवार को पदभार ग्रहण किया ।पदभार ग्रहण करते ही 29 सितंबर को आयोजित के संबंध में तत्काल दिशा निर्देश जारी किये।

जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने रविवार 13 अगस्त को केन्द्रीय जेल रायपुर का औचक निरीक्षण किया । जहाँ उन्होने जेल में सजा काट रहे बंदियों से मुलाकात की और सम्पूर्ण जेल का भ्रमण किया । बंदियों को प्राप्त हो रहे भोजन रसोई घर के अंदर स्वयं जाकर मिलने वाले भोजन का उन्होने निरीक्षण किया। जेल नियमावली के तहत मिलने वाले भोजन सूची का भी अवलोकन करते हुए नियमावली का पालन करते हुए. बंदियों के लिये गुणवत्ता भोजन देने के लिये निर्देश दिये। रसोई घर की सफाई हेतु भी निर्देश दिया गया पाकशाला मे भी रखे अनाज एवं दालों के भी गुणवत्ता की जाँच करते हुए आपत्ति जताई क्योकि उक्त अनाज गुणवत्ता पूर्ण नही पाया गया।

पाकशाला में रखे भोजन तैयार करने वाले बंदियों की पंजी का भी माननीय जिला न्यायाधीश द्वारा अवलोकन किया गया जिसमें उन्होने पाया कि जेल नियमावली अनुसार भोजन तैयार करने वाले बंदियों की पंजी में बंदियों के नाम परिवर्तित न होकर लगातार पूर्व बंदियों से ही भोजन तैयार कराया जा रहा था, जिस पर माननीय जिला न्यायाधीश द्वारा उपस्थित जेल अधिकारीगण को निर्देश दिया कि नियमावली अनुसार हर दिन नवीन बैरक से भोजन तैयार करने हेतु बंदियो का चयन कर भोजन तैयार कराया जावे। यह भी निर्देश दिया गया कि,विशेष दिवसों पर बंदियों को नियमावली अनुसार विशेष आहार जिस पर उनका अधिकार है, प्रदान किया जावे।

स्वास्थ सेवाओं की जानकारी लिये जाने पर चिकित्सको की उपस्थिति को लेकर भी आवश्यक दिशा निर्देश जेल अधिकारियों को दिये गये कि हर बंदी के स्वास्थ्य का परीक्षण नियमित अंतरालों पर होना चाहिए और जेल अधिकारी चिकित्सको की उपस्थिति समय पर कराना सुनिश्चित रखें।

इसके अतिरिक्त जेल अधिकारियों को माननीय जिला न्यायाधीश द्वारा निर्देश दिया गया कि, माननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय जिला न्यायालय या अन्य न्यायालय आने वाले निर्णय, जमानत आदेश, अन्य आदेश की जानकारी बंदियों को तत्काल प्रभाव से प्रदान करना सुनिश्चित करें। विचाराधीन बंदियों के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के द्वारा निः शुल्क विधिक सहायता के साथ-साथ एल.ए.डी.सी.एस. के माध्यम से निःशुल्क अधिवक्ता भी प्रदान किया जा रहा है। साथ ही यह भी कहा कि सभी बंदियों के लिये हर प्रकार की विधिक सहायता समय-समय पर दिया जाना है, जिससे हर पक्षकार एवं न्याय के बीच में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के निःशुल्क विधिक सहायता सेतु बनने में अपनी अहम भूमिका निभाये ।

इस दौरान उनके द्वारा जेल लीगल एड क्लीनिक, न्यायालय से होने वाले वी.सी. सेवाओ सुक्ष्मता से मुल्यांकन किया गया। इस संबंध मे डी.आई. जी. जेल श्री एस. एस. तिग्गा द्वारा उनको समस्त जानकारिया जेल के बारे में प्रदान की गई उनके द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 3200 से ज्यादा कैदी केन्द्रीय जेल रायपुर में निरूद्ध है जिसमें महिला एवं पुरूष दोनो सम्मिलित है । जिला न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर माननीय श्री अब्दुल जाहिद कुरैशी महोदय जी द्वारा बंदियों से चर्चा के दौरान उन्हे बताया कि, जेल के रहने के दौरान भी उनके संवैधानिक मौलिक तथा कानूनी अधिकार सुरक्षित है और उनके बारे में हर बंदी को सजग रहना चाहिए. हर बंदी को यह जानने का अधिकार है कि उसके प्रकरण में न्यायालय में क्या कार्यवाही हो रही है जिसकी जानकारी वह न्यायालय से या जेल अधीक्षक से या प्राधिकरण के माध्यम से प्राप्त कर सकता है। इसके अतिरिक्त जिला न्यायाधीश द्वारा बंदियों को सौदा अभिवाक, जेल लोक अदालत, धारा 432 द.प्र. संहिता संबंधित विभिन्न कानूनी बिन्दुओं पर जानकारी प्रदान की गई और बंदियों से कहा गया कि. अपराध करके जेल में निरूद्ध होने मात्र से अपराधी के साथ कानून की परिधि में रहते हुए मानवीयता के साथ व्यवहार करने से कानून या हमारा सविधान कभी इंकार नहीं करता है और हम सभी का यह उद्देश्य है कि आप सभी को समाज की मूलधारा में लाने का भरसक प्रयास किया जावे। क्योकि महात्मा गाँधी ने कहा है कि, घृणा अपराध से होना चाहिए अपराधी से नहीं इसलिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं न्याय पालिका आपके विधि अनुसार प्रदत्त हर कानून अधिकार की रक्षा करने हेतु समर्पित है।

उक्त जेल निरीक्षण के दौरान माननीय जिला न्यायाधीश के साथ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर श्री प्रवीण मिश्रा, जेल डी.आई.जी. श्री एस. एस. तिग्गा, जेलर श्री एम.एन. प्रधान पैरालीगल वालिटियर श्री आशुतोष तिवारी और श्री रवि शुक्ला उपस्थित रहे।