रायपुर की ममता को हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका में मिला पुरस्कार

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00 द्रोपदी के जीवन पर आधारित नाटक की प्रस्तुति, 18 पात्रों की अकेले निभाई भूमिका
रायपुर। राजधानी के लाखेनगर इलाके में रहने वाली शिक्षिका एवं एकल नाट्य मंचन में प्रसिद्धि हासिल करने वाली कलाकार ममता अहार को 28 जुलाई को अमेरिका में सम्मानित किया गया है। यह सम्मान हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए की जाने वाली सेवा और रंगमंच के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए प्रदान किया गया।
अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति के 21वें द्विवार्षिक अधिवेशन का आयोजन भारत के महावाणिज्य दूतावास शिकागो में आईसीसीआर और हिंदी समन्वय समिति के सहयोग से 28 जुलाई को किया गया। यह आयोजन हालिडे इन इंडियाना पोलिस, कारमेल, 251 पेंसिल्वेनिया पार्कवे, कार्मेल में किया गया। इसमें कलाकार शिक्षिका ममता ने द्रोपदी के जीवन पर आधारित नाट्य मंचन में एकल अभिनय के जरिये दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 18 पात्रों की भूमिका अकेले ही निभाई। नाटक का लेखन निर्देशन अभिनय स्वयं ही किया। ममता की यह दूसरी अमेरिका यात्रा रही, इससे पहले उन्होंने मीरा नाटक में भी एकल अभिनय करके वाहवाही लूटी थी।
ममता अहार ने बताया कि उन्हें बचपन से ही कला के क्षेत्र में रूचि है। स्कूल, कालेज में नृत्य, नाटक में भाग लेती रहीं। विवेकानंद आश्रम स्थित पं. सखाराम स्कूल में वे 23 वर्षों से शिक्षिका के पद पर कार्य कर रहीं हैं। निर्धन बच्चों को वे निश्शुल्क अभिनय के गुर सिखाकर नाट्य मंचन करने का अवसर दे रहीं हैं। साथ ही बच्चों को नाटक और लोकगीतों के माध्यम से पढ़ाती हैं। पढ़ाने की विशेष शैली के चलते राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त कर चुकीं हैं।