लोक-संगीत :  विनोद वर्मा  खैरागढ़ में, राष्ट्रीय सेमिनार ‘सुरता’ का करेंगे उदघाटन 

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खैरागढ/ रायपुर। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के लोक संगीत विभाग और कला संकाय के द्वारा 11 अप्रैल और 12 अप्रैल  को दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘सुरता’ का आयोजन किया जा रहा है। लोक संगीत पर आधारित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय रखा गया है ‘राष्ट्रीय सांस्कृतिक अस्मिता में छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों की भूमिका’। संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रमुख सलाहकार, वरिष्ठ पत्रकार एवं समीक्षक विनोद वर्मा के मुख्य आतिथ्य और कुलपति पद्मश्री डॉ. मोक्षदा (ममता) चंद्राकर की अध्यक्षता में सुबह 11 बजे होगा। साहित्यकार एवं समीक्षक प्रो. रमाकांत श्रीवास्तव बीज व्यक्तव्य देंगे।

खैरागढ़ विश्वविद्यालय परिसर में होने जा रहे इस आयोजन में पंडवानी के प्रतिनिधि कलाकार झाड़ूराम देवांगन, पद्मश्री पुनाराम निषाद, छत्तीसगढ़ी लोक नाट्य नाचा-गम्मत के पुरोधा रामचंद्र देशमुख, दाऊ दुलार सिंह मंदराजी, दाऊ महासिंह चंद्राकर, भरथरी की प्रतिनिधि गायिका सुरूजबाई खांडे, पंथी के मूर्धन्य कलाकार देवदास बंजारे, सुप्रसिद्ध रंगकर्मी पद्मभूषण हबीब तनवीर एवं उनके नाचा कलाकार, मदन निषाद, लालूराम, पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर, फिदाबाई मरकाम आदि पर केंद्रित चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त छत्तीसगढ़ के प्रमुख लोक साहित्यों पर भी वक्ता अपने विचार व्यक्त करेंगे।

दो दिनों के इस वृहद कार्यक्रम में पहले दिन की शाम 6.30 बजे ‘रंग-सरोवर’ सांस्कृतिक संस्था के द्वारा निर्देशक भूपेंद्र साहू के निर्देशन में लोक नाट्य भरथरी की प्रस्तुति दी जाएगी। दूसरे दिन की शाम समापन के पूर्व विश्वविद्यालय के लोक संगीत विभाग के द्वारा पारंपरिक लोकगीतों की प्रस्तुति दी जाएगी।

विषय विशेषज्ञ और वक्ता के रूप में साहित्यकार एवं लोककला मर्मज्ञ डॉ. पीसी लाल यादव, सुप्रसिद्ध लोक कलाकार दीपक चंद्राकर, साहित्यकार एवं लोककला मर्मज्ञ डॉ. जीवन यदु, समीक्षक एवं साहित्यकार प्रो. डॉ. विनय कुमार पाठक, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव डॉ. अनिल कुमार भतपहरी, समीक्षक एवं साहित्यकार प्रो. रमाकांत श्रीवास्तव, अधिष्ठाता (लोक संगीत एवं कला संकाय) डॉ. योगेंद्र चौबे, अधिष्ठाता (दृश्यकला संकाय) डॉ. राजन यादव सेमिनार को संबोधित करेंगे। शोधार्थियों द्वारा शोध पत्रों का वाचन किया जाएगा।

12 अप्रैल की शाम 4 बजे कुलपति डॉ. चंद्राकर के मुख्य आतिथ्य और कुलसचिव प्रो. डॉ. आईडी तिवारी के विशिष्ट आतिथ्य में इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन समारोह होगा। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. योगेंद्र चौबे ने विद्यार्थियों, शोधार्थियों, कला, संगीत और साहित्यप्रेमियों से अधिकाधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है।