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!! श्रीराम: शरणं मम !!
जब जब हमें गुरु देव के गुणों का स्मरण रहा
तब तब हम मौन रहे. सुखी रहे.
जब जब गुरुदेव विस्मृत हुए और अपने गुणों का स्मरण किया !बोल दिये.
दुखी हुए।

मैथिलीशरण