कला चौपाल : लोक-संगीत के विद्यार्थियों ने दिखाया नाचा-गम्मत

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*शानदार प्रस्तुतियों ने बटोरीं खूब वाहवाही*

खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में साप्ताहिक कार्यक्रम कला-चौपाल के अंतर्गत 25 मार्च 2023 को लोक-संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने चार प्रस्तुतियां दीं। सबसे पहले, छात्रा कु. प्रीति रात्रे ने प्रसिद्ध भरथरी गायिका स्व. सुरुज बाई खांडे का जीवन परिचय बताते हुए भरथरी पर उनके योगदान को विस्तार से बताया। दूसरी प्रस्तुति के रूप में लोक संगीत के विद्यार्थी मनीष कामड़े ने सहपाठियों के साथ भोजपुरी लोक-गीत की प्रस्तुति दी।

उसके बाद, कु. अनिता, ईशा बघेल और साथियों ने गौरा-गौरी गीत का सामूहिक गान किया। अंतिम प्रस्तुति तक यह कार्यक्रम बहुत रोचक पड़ाव पर पहुंच गया, जब विद्यार्थी तारण निषाद, रिंकू वर्मा और उनके साथियों ने नाचा एवं गम्मत की प्रस्तुति दी। सभी प्रस्तुतियों को खूब सराहना मिली। तालियों की गड़गड़ाहट से लोक-संगीत का हाल गूंजता रहा। इस दौरान असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.दीपशिखा पटेल, डॉ. बिहारी तारम, डॉ. नत्थू तोड़े, डॉ. विधा सिंह, मनोज डहरिया, जन-संपर्क अधिकारी विनोद डोंगरे समेत विश्वविद्यालय का लोक-संगीत परिवार उपस्थित था। कार्यक्रम का संचालन छात्र चंद्र प्रकाश साहू ने किया। कार्यक्रम के अंत में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दीपशिखा ने विद्यार्थियों द्वारा दी गई प्रस्तुतियों पर समीक्षात्मक व्यक्तव्य दिया, वहीं प्रस्तुति के लिए जरूरी टिप्स भी दिए। उल्लेखनीय है कि लोक संगीत के विद्यार्थियों की प्रदर्शन संबंधी प्रतिभा को परिष्कृत करने के उद्देश्य से कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता (मोक्षदा) चंद्राकर के संरक्षण और विभाग के अधिष्ठाता डॉ. योगेंद्र चौबे के मार्गदर्शन में कुछ माह पहले इसकी शुरुआत की गई थी, जो अनवरत जारी है। प्रारंभ में इसे लोक-संगीत के विद्यार्थियों के लिए ही उपयोगी माना गया, लेकिन हर हफ्ते विद्यार्थियों द्वारा दी जा रही दिलचस्प प्रस्तुतियों के कारण अब लोक-संगीत के अतिरिक्त अन्य विभागों के विद्यार्थियों की रुचि भी कला चौपाल के प्रति बढ़ रही है।