कीट नाशक दवा सेवन करने वाले नवजात को डाक्टरों ने दिया नया जीवन

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कोरबा। धोखे से दवा के स्थान पर कीटनाशक का सेवन करने वाले नवजात का इलाज कर डॉक्टरों ने उसे नया जीवन दिया साथ ही नवजात की मां को इस बात की भी हिदायत दी कि दवा और कीटनाशक दवा को अलग-अलग रखें।नवजात को स्वस्थ होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी गई।

यह पूरा मामला उरगा पुलिस थाना अंतर्गत ग्राम दादर कला का है। यहां की निवासी उत्तरा पर उस समय मुसीबत का पहाड टूट पड़ा जब उसने अपने बीमार नवजात को खांसी की दवा पिलाने के बजाये कीटनाशक दवा पिला दी। बाद में उसे पता चला कि वह दवा नहीं थी बल्कि कीटनाशक था। बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल ले जाया गया जहां पर स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट मैं भर्ती किया गया।
यहां पर सहायक प्राध्यापक डॉक्टर हेमा नामदेव ने नवजात का तत्काल इलाज शुरू किया।उसे विष का असर कम करने वाली दवाएं दी और ऑक्सीजन पर रखा। नवजात पर डॉक्टर हेमा नामदेव और एनआईसी की पूरी टीम पूरे समय नजर रखे हुए थी। धीरे-धीरे नवजात की स्थिति में सुधार होने पर ऑक्सीजन और दवाओं की मात्रा कब की गई, डॉक्टर नामदेव ने बताया कि अब नवजक खतरे से बाहर है।

डॉक्टर मानते हैं कि जहरीले पदार्थ का सेवन करने से यह मामला पेचीदा हो सकता था लेकिन समय पर उपचार मिलने से परेशानियां दूर हुई हैं। बच्चे की मां को समझाया गया है कि दवाओं के आसपास कीटनाशक चीजें बिल्कुल ना रखी जाए।।डॉक्टर व नवजात का इलाज करने वाली मेडिकल टीम ने लोगों से अपील की कि कई बार इस प्रकार के हालात तब निर्मित हो जाते हैं जबकि पीड़ित को ठीक करने के लिए आनन-फानन में दवा की खोज की जाती है और उसी चक्कर में गैर जरूरी चीजें हाथों में आने के साथ समस्या खड़ी कर देती हैं। जरूरत इस बात की है कि घरों में अलग-अलग उपयोग की चीजें विशेषकर दवाएं सुरक्षित स्थान पर रखी जाए ताकि किसी भी कारण से गलतफहमी ना हो