जिला प्रशासन की टीम ने रूकवाया बाल विवाह

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00 विवाह की आशंका पर संयुक्त टीम ने लड़की को रखा सखी वन स्टाप सेन्टर में
सूरजपुर। ग्रामीण द्वारा सूचना जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को प्राप्त हुआ कि एक 16 वर्षीय बालिका का बाल विवाह होने वाला है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने उक्त बालिका के दस्तावेज परीक्षण हेतु सेक्टर सुपरवाईजर को कहा। सेक्टर सूपरवाईजर ने दस्तावेज परीक्षण किया तो पता चला कि अंकसूचि में बालिका का जन्मतिथि 01 फरवरी 2004 है। इस आधार पर बालिका की उम्र 19 वर्ष हो रही है। जब अंकसूचि का प्रति ग्रुप में डाला गया तो, जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री चन्द्रबेस सिंह सिसोदिया ने निर्देश दिया कि अंकसूची में गड़बड़ी की गई है, अंकसूची का परिक्षण एवं सत्यापन करें। गांव जाने पर टीम को पता चला कि घर के सभी अभिभावक कहीं चले गये है।
अंकसूची दूसरे घर में होने की बात कही गयी। बड़ी समझाईश के बाद ओरिजिनल अंकसूची प्रस्तुत किया गया, जिसमे बालिका की जन्मतिथि 01 फरवरी 2006 था अर्थात बालिका की उम्र 17 वर्ष 1 माह था। बालिका को समझाईश के दौरान ऐसा प्रतीत हुआ कि बालिका का विवाह टीम के जाने के बाद कर दिया जायेगा। ऐसी संभावना पर बालिका को सुरक्षित करना आवश्यक प्रतीत हो रहा था। जिला कार्यक्रम अधिकारी को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया तथा मौखिक अनुमति पश्चात पंचनामा बनाकर बालिका को सखी वन स्टाप सेन्टर में लाने हेतु जब गाड़ी में बैठाने लगे तो बालिका रोने लगी और बताई की वो दुल्हन नहीं है, बल्कि दुल्हन की बड़ी बहन है, जिसे साजिश के तहत दुल्हन के स्थान पर भेज दिया गया है। उसकी दो माह की बच्ची भी है। जब बालिका की पड़ताल की जाने लगी तो कुछ लोग बताये की बालिका कहीं भाग गई है, परन्तु घर का पता साजी करने पर वह घर में ही छुपी मिली। बालिका की मॉ, दादा एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में बालिका को सखी वन स्टाप सेन्टर सूरजपुर में संरक्षित किया गया, ताकि बहकावे में बालिका का विवाह ना कर दिया जाये।